Flood in Gopalganj Bihar: बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी में अभी भी पानी खतरे के निशान से ऊपर है. 13 जुलाई के बाद नेपाल में बारिश नहीं होने के चलते वाल्मीकिनगर बराज से लगातार डिस्चार्ज घट रहा है, लेकिन गंडक नदी में बीते पांच दिनों से पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. मंगलवार (16 जुलाई) को नदी लगभग 67 सेमी नीचे आ चुकी है. जलस्तर घटने के कारण अब गांवों में भी पानी निकलने लगा है. जानिए अभी ताजा हालात क्या हैं.


दरअसल, पिछले छह दिनों से नदी में आई बाढ़ से गांव पहले से ही घिरे हुए हैं. अभी पानी सड़कों से हटा भी नहीं है. मंगलवार की सुबह डिस्चार्ज 1.33 लाख था तो शाम को 1.22 लाख क्यूसेक पर आ गया. इससे तटबंधों पर कटाव का खतरा बना हुआ है. बैकुंठपुर प्रखंड के नदी साइड वाले गांवों में पानी घरों से होकर बह रहा है. गांव पूरी तरह से घिरा है. बता दें कि जिले के छह प्रखंडों के 43 गांव जो नदी व बांध के साइड में हैं उनमें नदी का डिस्चार्ज दो लाख पहुंचते ही तबाही शुरू हो जाती है.



पानी का लेवल घटने से निचले इलाके में राहत


उधर, जिले के निचले इलाकों में पानी के घटने से लोगों में काफी राहत है. अभी गांवों को जोड़ने वाली सभी सड़कों पर नदी का पानी बह रहा है. आने-जाने के सभी मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं. स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र भी बाढ़ के कारण बंद है. घरों में राशन व सब्जियों के भी दिक्कत है.


बताया जाता है कि सदर प्रखंड के कटघटरवां, हीरापाकड़, मेहंदियां, रामपुर टेंगराही, बरइपट्टी, पतहरा, सेमराही, निरंजना,धूप सागर, धर्मपुर, भगवानपुर, रामनगर, मकसुदपुर कुचायकोट में सिपाया टोला वार्ड नं 7, भसही, मांझा प्रखंड के निमुइया, माघी, मगुरहां, भैंसही एवं पुरैना सिधवलिया के बंजरिया समेत जिले के निचले इलाके में आम आदमी के साथ पशुओं के लिए भी संकट कम नहीं है.


मंगलवार को ऐसे रहा पानी का डिस्चार्ज



  • सुबह 08:00 बजे 1.36 लाख क्यूसेक

  • सुबह 10 बजे 1.30 लाख क्यूसेक

  • दोपहर 12 बजे 1.25 लाख क्यूसेक

  • दोपहर 02 बजे 1.22 लाख क्यूसेक

  • शाम 04 बजे 1.20 लाख क्यूसेक

  • शाम 06 बजे 1.10 लाख क्यूसेक


गंडक की स्थिति (खतरे के निशान से)



  • विशंभरपुर 10 सेमी ऊपर

  • पतहरा 17 सेमी ऊपर

  • टंडसपुर 75 सेमी ऊपर


उधर मुख्य अभियंता संजय कुमार, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह, कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार ने बांध की जांच कर उन्हें सुरक्षित रखने के लिए इंजीनियर्स को अलर्ट रहने का आदेश दिया.


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