बगहा: पड़ोसी देश नेपाल के तराई इलाकों में हो रही अत्यधिक बारिश की वजह से उत्तर बिहार में फिर के बार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दरअसल, वाल्मीकिनगर बराज से एक बार फिर 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है. इस वजह से गंडक नदी उफान पर है. ऐसे में पश्चिम चंपारण और गोपालगंज समेत कई जिलों में बाढ़ का खतरा फिर से मंडराने लगा है.


कई जिलों की आबादी होगी प्रभावित


वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी के जलस्तर में भारी उछाल दर्ज की गई है. गंडक में उफान के बाद उत्तर बिहार में फिर बाढ़ की स्थिति बन गई हैं. गंडक नदी में 3 लाख 14 हजार क्यूसेक का बहाव हो रहा है. जो वाल्मीकिनगर बराज पर जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई हैं. जलस्तर में वृद्धि के बाद बगहा, बेतिया और गोपालगंज की बड़ी आबादी प्रभावित होगी. जिला प्रशासन ने अभियंताओं को 24 घंटे तटबंधों पर मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है.


पिछली बार 75 लाख से भी अधिक लोग हुए थे प्रभावित


बता दें कि राज्य में इसी वर्ष जून, जुलाई और अगस्त के महीने में आई बाढ़ की वजह से 16 जिलों के 75 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई थी. वहीं मरने वालों का आंकड़ा 24 तक पहुंच गया था. आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 16 जिलों में 62,000 से ज्यादा लोगों के प्रभावित क्षेत्रों में पानी घुस गया था, जिससे बाढ़ पीड़ितों की संख्या 75 लाख से अधिक हो गई थी. विभाग के अनुसार, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण बाढ़ से प्रभावित हुए थे. इसके अलावा पश्चिम चंपारण, खगड़िया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा और सहरसा जिले भी बाढ़ प्रभावित थे.


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