हाजीपुर: बिहार के वैशाली जिले में बाढ़ का प्रकोप जारी है. मानसून अपने अंतिम चरण में है, गंगा का भी जलस्तर अब घट रहा है, लेकिन सूबे में बाढ़ की विभीषिका खत्म होती नहीं दिख रही. गंगा के बाद गंडक और उसकी सहायक नदियों में आए उफान ने कोहराम मचा रखा है. लगातार बढ़ रहे जलस्तर की वजह से कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गंडक और उसकी सहायक नदियां (बाया और झाझा) अपने किनारों को छोड़ बहुत दूर निकलती दिख रही हैं.


होटलों और रेस्टोरेंटों में पसरा सन्नाटा


नदियों में आए उफान की वजह से वैशाली, लालगंज और भगवानपुर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. खेत, खलिहान और मकानों के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर भी डूब गए हैं. वैशाली स्थित बुद्ध रेलिक स्तूप जलमग्न हो चुका है. वहीं, अभिषेक पुष्करणी, शान्ति स्तूप और उसके आस-पास की सड़कों पर झील सा नजारा है. पानी में पूरी तरह से डूब चुके इस इलाके के होटलों और रेस्टोरेंटों में सन्नाटा पसरा है.


बाढ़ ने बजाई खतरे की घंटी


सबसे बुरे हालात अशोक स्तम्भ और उसके आस-पास स्थित ऐतिहासिक भग्नावशेषों के दिख रहे हैं. पूरा इलाका पानी में समा चुका है. ऐतिहासिक स्थलों के अस्तित्व पर बाढ़ ने खतरे की घंटी बजा दी है. इस संबंध में विजय कुमार ने बताया कि पानी निकलने की व्यवस्था हमारे पास है. लेकिन रात में पानी निकालते हैं, सुबह फिर पानी आ जाता है. पानी निकल कर जहां डाला जाता है, वहां भी चारों तरफ पानी है. पानी निकालने की कोशिश करते रहते हैं. 


नीतीश कुमार ने दिए निर्देश


इधर, इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसको लेकर अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है. जल संसाधन, आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही प्रशासन के लोग एक-एक चीज को देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारियों को अलर्ट रहना है और प्रभावित लोगों की सहायता करनी है.


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