(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar Flood Update: भागलपुर में गंगा नदी उफान पर, कई घर विलीन, अपने ही हाथों से खुद का आशियाना तोड़ रहे ग्रामीण
Bhagalpur Flood Ground Report: भागलपुर के नवगछिया के ज्ञानी दास टोला में गंगा का रौद्र रूप दिख रहा है. यहां हर तरफ विचलित करने वाले दृश्य देखने को मिल रहे हैं. ग्रामीण भी भयभीत हैं.
भागलपुर: बिहार के कई जिलों में गंगा नदी उफान पर है. गुरुवार को एबीपी न्यूज की टीम भागलपुर की स्थिति जानने के लिए पहुंची. यहां के कई इलाके प्रभावित दिखे. भागलपुर के नवगछिया के ज्ञानी दास टोला में गंगा का रौद्र रूप देखने को मिला. कई घर गंगा में विलीन हो गए हैं. बड़े पेड़, बिजली के खंबे, सड़क, बड़ी संख्या में मिट्टी सहित गांव गंगा में समाहित हो रहा है. वहीं जो लोग झोपड़ी में रहते हैं वह बांस और त्रिपाल खोलकर दूसरे जगह जाने की व्यवस्था में हैं.
वहीं, जिनका पक्का मकान बचा है वो उसे भी तोड़ रहे हैं और ईंट निकाल रहे हैं. जिन घरों को उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई से बनाया था उसे अपने ही हाथों से दुखी मन से तोड़ रहे हैं. ईंट के अलावा घर के अन्य सामान को ट्रैक्टर पर लादकर सुरक्षित जगहों पर पलायन कर रहे हैं. यहां हर तरफ विचलित करने वाले दृश्य देखने को मिल रहे हैं. ग्रामीण भी भयभीत हैं.
सब कुछ भगवान भरोसे
हमारी टीम ने मुखिया गणेश मंडल से बात की गणेश मंडल ने कहा कि पूरा गांव नदी में समाहित होता जा रहा है. गांव का सब कुछ नदी में जा रहा है. प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. यहां के लोगों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. उचित मुआवजा मिलना चाहिए. ग्रामीणों ने कहा कि घर के साथ-साथ सारा सामान नदी में समाहित हो गया. अब वे लोग सड़क पर रह रहे हैं. भूखे हैं. खाना-पानी नहीं मिल रहा है. वे लोग तबाह हो गए हैं. सरकार उनकी मदद करे.
घर तोड़ने वालों ने सुनाई पीड़ा
अगर यही स्थिति रही तो इस इलाके का पूरा गांव गंगा में विलीन हो जाएगा. जो लोग अपना घर तोड़कर ईट निकाल रहे हैं वह दुखी दिखे. उन्होंने बताया कि खून पसीने की कमाई से उन्होंने मकान बनाया था. आज हथौड़े से खुद ही तोड़ रहे हैं नहीं तो घर नदी में विलीन हो जाएगा. मजबूरी में यह कर रहे हैं. अब ऊंचे स्थानों पर जाएंगे.
ना कोई मदद ना राहत शिविर
बता दें इस गांव में भगदड़ मची हुई है है. जब टीम पहुंची तो प्रशासन, जल संसाधन विभाग की ओर से यहां कोई नजर नहीं आया. पीड़ितों को खाने की सामग्री, पीने का पानी कुछ भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है. जिन लोगों का घर नदी में विलीन होता जा रहा है. उनको किसी सुरक्षित स्थानों पर प्रशासन नहीं ले जा रहा. कहीं पर भी राहत शिविर केंद्र नहीं बनाया गया है.
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