Bihar floods: नेपाल में बारिश होने पर बिहार के कई जिलों पर टूटता है कहर, जानें इस बार क्या है खास तैयारी?
बिहार में बाढ़ के संकट से निपटने के लिए जल संसाधन विभाग ने एक कॉल सेंटर बनाया है. यहां आप कभी भी कॉल कर अपने इलाके में हो रहे कटाव या बाढ़ की स्थिति की जानकारी दे सकते हैं.
पटना: नेपाल में बारिश और बिहार का हो रहा बुरा हाल. हर साल यही हाल रहता है. इससे निपटने के लिए बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने एक कंट्रोल रूम बनाया है, जिसके जरिए 24 घंटे बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जाती है और उसकी मॉनिटरिंग की जाती है. इस दौरान क्या-क्या परेशानियां आती हैं, इस संबंध में एबीपी न्यूज ने जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा से बात की.
उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने यह कॉल सेंटर बनाया है, जो पिछले दो साल से काम कर रहा है. यहां आप कभी भी कॉल कर सकते हैं. अगर आपको बाढ़ से संबंधित कुछ दिखाई देता है या कहीं कुछ कटाव हो रहा है. आप जैसे ही हमारे कॉल सेंटर में कॉल करते हैं, यहां से मैसेज रिकॉर्ड होकर संबंधित जोन के इंजीनियर को फॉरवर्ड हो जाता है. इसके 24 घंटे के अंदर संबंधित इंजीनियर को उस प्वाइंट पर जाकर चेक करना होता है और फिर यहां बताना होता है. मंत्री ने बताया कि इस साल बाढ़ और कटाव से संबंधित करीब 160 कॉल आया है, जो ज्यादातर सही पाए गए. इसपर हम लोगों ने तुरंत कार्रवाई की.
नेपाल में कितनी बारिश हुई, इसकी रहती है चिंता
संजय झा ने आगे कहा कि जहां तक बाढ़ की बात है तो इसपर हम लोग को चिंता ज्यादा ये होती है कि नेपाल में कितनी बारिश हुई है. नेपाल से पूरा सेल्ट के साथ पानी आता है, जिसके कारण नदियों का गाद भर जाता है. उन्होंने कहा कि नेपाल की बारिश हमारे लिए बड़ी समस्या है. वहां भी सड़के बन रही है और भी निर्माण कार्य हो रहे हैं. इसके लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई है. पेड़ पानी को होल्ड करता था, पर अब यह फ्लैश की तरह पानी पूरे बिहार में आता है. उन्होंने कहा कि नेपाल में डैम बनना था, पर वो परियोजना भी अभी लटकी हुई है. ऐसे में लार्जली प्रॉब्लम वहां से है. क्योंकि पानी तो आएगा, लेकिन यहां पर हमलोग अलर्ट हैं. उन्होंने कहा कि दो-तीन साल से हमलोगों ने इसके लिए टेक्नोलॉजी का यूज करना शुरू किया है. इसका फायदा भी हो रहा है.
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बांध को लेकर क्या है तैयारी
इसपर मंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में बांध को लेकर हमारी पूरी तैयारी है. नेपाल थोड़ा सेंसिटिविटी है, क्योंकि वह दूसरा मुल्क है और वो अपने कंट्रोल में नहीं है, लेकिन बिहार में जो बांध है वो बिलकुल सुरक्षित है और हम उसको लेकर पूरी तरह अलर्ट हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह दावा मैं नहीं कर सकता की कितनी बारिश होगी, लेकिन लार्जली हमें इसके बारे में पता रहता है और इसकी पूरी तैयारी है.
सिल्ट पॉलिसी लाने की मांग
इस दौरान मंत्री ने केंद्र से सिल्ट पॉलिसी लाने की मांग की. उन्होंने कहा कि हम साल नेपाल से बाढ़ के पानी के साथ भारी मात्रा में गाद आता है, जो नदी के पेट में जमा होता है. इससे नदियों की गहराई कम होती है और बाढ़ का पानी बांध से ऊपर आ जाता है. जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसलिए इसको रोकने के लिए केंद्र को पहल करनी चाहिए. इसके लिए हम लोग 2017 से मांग कर रहे हैं.
नदी के पेट में लोगों ने बनाया घर, जिससे बढ़ी समस्या
इस दौरान मंत्री ने यह भी कहा कि सीमांचल के बहुत से इलाकों में लोगों ने नदी के पेट में घर बना लिया है. जहां बाढ़ के दिनों में नदी का पानी आता है. वहां हमारा कोई बांध है ही नहीं. वहां ओपेन है. पानी आता है और निकल जाता है. अब कोई नदी के पेट में घर बना लेगा तो पानी कहां जाएगा? हालांकि, पेट के बाहर भी नदी का पानी पहुंचता है, जिसे हम लोग रोकने की कोशिश कर रहे हैं.
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