पटना: बिहार विधानसभा में सोमवार (12 फरवरी) को पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने खूब भड़ास निकाली. तेजस्वी ने कहा कि हम नई सरकार के विरोध में खड़े हैं. उन्होंने सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को धन्यवाद दिया. तंज कसते हुए कहा कि 9 बार शपथ लेकर आपने इतिहास रचने का काम किया है. नौ बार तो शपथ ली लेकिन एक ही टर्म में तीन-तीन बार शपथ ले ली ऐसा नजारा हम लोगों ने नहीं देखा है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे लिए आदरणीय थे, आदरणीय हैं और आदरणीय रहेंगे. नीतीश कुमार को लेकर तेजस्वी ने कहा, "हम इनकी इज्जत हमेशा करते आए हैं और करते रहेंगे. हमें तो कई बार इनके नेतृत्व में काम करने का मौका मिला, काम किया. इसमें कोई दो राय नहीं है. कई बार मुख्यमंत्री बोलते रहे हैं कि तुम मेरे बेटे के जैसा हो. हम भी अपना मानते हैं. गार्जियन मानते हैं."
विधानसभा में आगे तेजस्वी ने कहा, "आप लोग भगवान राम की चर्चा करते हैं, हम तो नीतीश जी को दशरथ जो राम के पिता थे उनके रूप में मानते हैं. कई बार आप लोगों के सामने कहा था कि यही आगे बढ़ेगा, यही करेगा. ठीक है नौजवान ही न आगे बढ़ेगा. आगे काम करेगा. कई बार इनकी मजबूरियां रही होंगी जैसे राजा दशरथ की थी. राम को वनवास भेज दिया गया, लेकिन हम मानते हैं कि हम वनवास नहीं आए हैं, बल्कि हमको इन्होंने जनता के बीच भेजा है जनता के सुख-दुख का भागीदार बनने के लिए.
तेजस्वी ने पूछा- क्या मजबूरियां थीं?
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि पहली बार आपने अपने से जब दूर किया उस वक्त क्या मजबूरी थी नहीं पता, किसी को नहीं पता, लेकिन जब पहली बार दूर किया तो एक ही बात निकलकर आई थी कि आपने कहा था कि जो मेरे ऊपर केस-मुकदमा है उसके बारे में हम बता दें. हम तो इज्जत देते हैं आगे भी देंगे. आपको समझना पड़ेगा, लेकिन बिहार की जनता जानना चाहती है कि आप कभी इधर रहते हैं कभी उधर, आखिर क्या मजबूरी है कि निर्णय लेना पड़ा?
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