बिहार: पहली बार 11 मुस्लिम महिलाएं एक साथ बनीं दारोगा, सरकार की ओर से संचालित कोचिंग में ली थी ट्रेनिंग
हज भवन में संचालित कोचिंग में अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करने वाले राशिद हुसैन ने बताया कि पहली बार इतनी संख्या में मुस्लिम महिलाएं दारोगा बनी हैं. ये बहुत खुशी की बात है. अगली बार इससे और बेहतर किया जाएगा.
पटना: बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (बीपीएसएससी) ने पुलिस सब-इंस्पेक्टर, सार्जेंट और सहायक अधीक्षक जेल (सीधी भर्ती) के पदों के लिए फाइनल रिजल्ट बीते गुरुवार को जारी कर दिया है. इस बार की परीक्षा में मुस्लिम महिलाओं ने अपना परचम बुलंद किया है. पहली बार बिहार में एक साथ 11 मुस्लिम महिलाएं दारोगा बनी हैं. महिलाओं के अलावा 44 मुस्लिम पुरुष भी बतौर दारोगा सेवा देंगे. यानी कुल 55 प्रतिशत में 20 प्रतिशत मुस्लिम महिलाएं दारोगा बनी हैं.
सरकार द्वारा संचालित कोचिंग में ली ट्रेनिंग
बता दें कि जिन मुस्लिम महिलाओं ने परीक्षा में सफलता हासिल की है, उन्होंने बिहार की राजधानी पटना स्थित हज भवन बिहार सरकार द्वारा संचालित कोचिंग में ट्रेनिंग ली थी. किसी ने मेन्स में कोचिंग की तो किसी ने फिजिकल के लिए ट्रेनिंग ली.
हज भवन में संचालित कोचिंग में अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करने वाले राशिद हुसैन ने बताया कि पहली बार इतनी संख्या में मुस्लिम महिलाएं दारोगा बनी हैं. ये बहुत खुशी की बात है. अगली बार इससे और बेहतर किया जाएगा.
पिछली बार पांच महिलाओं का हुआ था चयन
बता दें कि इससे पहले जब राज्य में दारोगा बहाली हुई थी तो उसमें 5 मुस्लिम महिलाएं चयनित हुई थीं. लेकिन इस बार महिलाओं ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. रिजल्ट जारी होने के बाद हज भवन में मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें परीक्षा में सफल हुए सभी अभ्यर्थियों को बुलाया गया था. गौरतलब है कि हज भवन से इस बार जहां 55 अभ्यर्थी दारोगा बने. वहीं, 222 अभ्यर्थियों का बतौर सिपाही में चयन हुआ है.
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