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बिहार: पिछले कई सालों से आरजेडी के ये विधायक कंधे पर टांग रहे लाल रंग का थैला, जानें- क्या है वजह?
आरजेडी विधायक की मानें तो छात्र जीवन में वो इस थैले में कॉपी, कलम और जरूरत की चीजें को रखा करते थे. वहीं, अब विधायक बनने के बाद उसी झोले में विधायक का लेटर पैड और मुहर रखते हैं.
![बिहार: पिछले कई सालों से आरजेडी के ये विधायक कंधे पर टांग रहे लाल रंग का थैला, जानें- क्या है वजह? Bihar: For the past several years, these RJD MLAs are hanging a red colored bag on their shoulder, know what is the reason? ann बिहार: पिछले कई सालों से आरजेडी के ये विधायक कंधे पर टांग रहे लाल रंग का थैला, जानें- क्या है वजह?](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2021/01/17194059/IMG-20210117-WA0008_copy_720x540.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
गया: बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर विधानसभा से विधायक और आरजेडी नेता सतीश कुमार ने छात्र राजनीति से लेकर आज तक विधायक बनने के बाद भी अपने लाल रंग के थैले को नहीं छोड़ा है. वे पिछले कई सालों से अपने कंधे पर लाल रंग का थैला टांगे घूम रहे हैं. इस संबंध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार कम्युनिस्ट विचारधारा का है और उस वक्त लाल रंग का झंडा और लाल थैला का प्रचलन था.
कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित है पूरा परिवार
उन्होंने बताया, " चूंकि परिवार के सभी सदस्य सीपीएम से सक्रिय सदस्य रहे हैं, ऐसे में उनपर भी इस बात का असर है." उन्होंने बताया कि उनके चाचा ने केरल के एक कम्युनिस्ट अधिवेशन से लौटने के बाद उन्हें लाल रंग का थैला दिया था. उसके बाद से यह लाल का रंग का थैला उनसे नहीं छूटा है. छात्र राजनीति में भी यह लाल थैला उनके साथ ही रहा.
लाल थैला विधायक का सच्चा साथी
आरजेडी विधायक की मानें तो छात्र जीवन में वो इस थैले में कॉपी, कलम और जरूरत की चीजें को रखा करते थे. वहीं, अब विधायक बनने के बाद उसी झोले में विधायक का लेटर पैड और मुहर रखते हैं. उन्होंने बताया कि लाल थैले में उन्हें आत्मविस्वास, ईमानदारी, काम करने का जुनून दिखता है. उनकी मानें तो लाल थैला उनका सच्चा साथी है, जिसे वो हमेशा अपने साथ रखते हैं.
2009 से टांग रहे लाल थैला
आरजेडी विधायक ने कहा कि इस क्रांतिकारी विचार के कारण ही वो आज विधानसभा तक पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि साल 2009 से लेकर अब तक उन्होंने लाल रंग के थैले को अपने साथ रखा है. उनका मानना है कि एक जनप्रतिनिधि वही है जो हमेशा जनता के साथ रहे.
मेरा सबसे प्यारा रंग है लाल
उन्होंने कहा कि 12 वर्षों में लाल थैले की वजह से उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं हुई है. अब ये जरूरत बन गयी है. इसके बिना अधूरापन महसूस होता है. उन्होंने कहा कि मैंने कई बार चाहा कि झोले का रंग बदला जाए लेकिन लाल मेरा सबसे प्यारा रंग और मुझे लगता है कि क्रांति के लिए लाल रंग जरूरी है.
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