(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gaya Pind Daan: यूक्रेन, रूस, जर्मनी जैसे देशों से पिंडदान के लिए गया पहुंचे विदेशी तीर्थयात्री, भगवान बुद्ध का किया दर्शन
Gaya Pitru Paksha Mela: गया में 17 सितंबर से पितृपक्ष मेला लगा है और यह 2 अक्टूबर तक चलेगा. पितृपक्ष में इस वर्ष अब तक करीब आठ लाख तीर्थयात्री गया आ चुके हैं.
Pitru Paksha Mela 2024: बिहार के गया में पिंडदान के लिए विदेशों से भी लोग आ रहे हैं. यूक्रेन, घाना, रूस, उज्बेकिस्तान, नाईजीरिया, साउथ अफ्रीका और जर्मनी जैसे देशों से आए विदेशी तीर्थयात्रियों ने सोमवार (30 सितंबर) को पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान किया. सभी विदेशी तीर्थयात्री ईसाई हैं, लेकिन हिंदू सनातन धर्म से प्रभावित होकर वे अपने पूर्वजों का पिंडदान कर रहे हैं. इसके पहले सभी विदेशी तीर्थयात्री भगवान बुद्ध का दर्शन कर विष्णुपद पहुंचे. उन्होंने देव घाट सहित मेला क्षेत्र का भ्रमण किया.
पिंडदान का अनुष्ठान पूरा कर खुश दिखे तीर्थयात्री
विदेशी मेहमानों ने सोमवार को विष्णुपद के देव घाट पर पिंडदान किया. विदेशों में खास कर यूरोप में सनातन धर्म के प्रसार के लिए कार्य करने वाले लोकनाथ गौड़ के मार्गदर्शन में सभी विदेशी तीर्थयात्रियों का पिंडदान कराया. कर्मकांड के दौरान सभी विदेशी तीर्थयात्री महिलाओं ने भारतीय महिलाओं की तरह कपड़े पहने. वहीं पुरुष तीर्थयात्रियों ने धोती को पहना. इसके बाद सनातन धर्म के सभी नियमों का पालन कर श्राद्ध कार्य किया. पिंडदान का अनुष्ठान पूरा कर विदेशी तीर्थयात्री काफी खुश दिखे.
आचार्य लोकनाथ गौड़ ने बताया कि ये सभी तीर्थयात्री ईसाई धर्म को मानने वाले हैं. सनातन धर्म से प्रभावित होकर इन लोगों ने अपना नाम तक बदल लिया है. इसके बाद यहां किसी ने अपने पति का तो किसी ने पिता, भाई, बहन, पत्नी आदि का पिंडदान व तर्पण किया. साउथ अफ्रीका से आए एक विदेशी तीर्थयात्री ने बताया कि उन्होंने सनातन धर्म के बारे में जाना. इसमें पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना भी है. यही कारण है कि वह वृंदावन से गया पहुंचे और फिर उन्होंने अपनी बहन और अन्य पूर्वजों का पिंडदान किया है.
अब तक आठ लाख तीर्थयात्री आ चुके हैं गया
बता दें कि गया में 17 सितंबर से पितृपक्ष मेला लगा है और यह 2 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान देश-विदेश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में हिंदू सनातन धर्मावलंबी यहां आकर अपने पितरों को मोक्ष, उद्धार की कामना के साथ पिंडदान, तर्पण, कर्मकांड और श्राद्ध कार्य को पूरा कर रहे हैं. पितृपक्ष में इस वर्ष अब तक करीब आठ लाख तीर्थयात्री गया आ चुके हैं.
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