बेतिया: भारत सरकार के पूर्व पेट्रोलियम सचिव और बीजेपी के पूर्व विधायक आरएस पांडेय ने कोरोना के कहर के बीच अनोखी पहल की है. बिहार सरकार की घोषणा के बाद पूर्व बीजेपी विधायक ने जिला भर के वैसे 100 बच्चों के परवरिश का बीड़ा उठाया है, जिनके माता-पिता की कोरोना काल में मौत हो गई है. 


बिहार सरकार ने की है ये घोषणा


बता दें कि रविवार को बिहार सरकार ने ये घोषणा की है कि कोरोना की वजह से परिजनों को खोने वाले नाबालिग अनाथ बच्चों को सरकार की तरफ से हर महीने 1500 रुपये बालिग होने तक दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले की हर तरफ तारीफ हो रही है. इधर, सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए वाल्मीकि विकास मंच ने सरकार के कदम से कदम मिलाकर चलने का एलान कर दिया है.


राजनीतिक लाभ-हानि मकसद नहीं


बीजेपी के पूर्व विधायक राघव शरण पांडेय की इस संस्था ने कोरोना काल में अनाथ हुए 100 गरीब बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का जिम्मा उठाया है. अब संस्था100 बच्चों की शिक्षा का सारा खर्च उठाएगी. इस संबंध में जानकारी देते हुए आरएस पांडेय ने बताया कि वे समाजसेवा की भावना को लेकर जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं. इसका मकसद राजनीतिक लाभ-हानि कतई नहीं है. 


बता दें कि कोरोना काल में वाल्मीकि विकास मंच ने ऑक्सीमीटर के साथ-साथ हैं मास्क और सेनेटाइजर का गांव से शहर तक वितरण कर लोगों को बड़ी राहत दी है. अब आरएस पांडेय के इस सराहनीय कदम से वैसे सौ बच्चों और छात्रों को लाभ मिलेगा जिन्होंने इस वैश्विक आपदा के बीच अपने माता पिता को खो दिया है.


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