पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासी पारा गर्म हो चुका है. चुनावी सरगर्मियों के बीच पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव की पार्टी "जनता दल राष्ट्रवादी" ने 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. वहीं पार्टी ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि अगर वो चुनाव जीतकर सत्ता में आती हैं तो उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री यादव और उपमुख्यमंत्री मुसलमान या दलित होगा.


लालटेन और तीर ने किया अन्याय


इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजन प्रसाद यादव ने अपने पूराने साथियों जेडीयू और आरजेडी पर हमला करते हुए कहा, बिहार में 30 वर्षों से लालटेन और तीर की सरकार रही है. इन्होंने राज्य को बांटने का काम किया. दोनों सरकारों ने दलित और अल्पसंख्यकों के साथ घोर अन्याय किया है. बिहार के शिक्षा और स्वास्थ्य पर रंजन ने कहा, पिछले 30 वर्षों में इन लोगों ने उद्योग के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य को भी पूरी तरह से नेस्तनाबूत कर दिया है. युवा बेरोजगार घुम रहे हैं. कहीं भी कोई वैकेंसियां नहीं हैं.


लालू यादव के करीबी माने जाते थे पूर्व सांसद


आपको बता दें कि पूर्व सांसद रंजन प्रसाद यादव कि राजनीति लगभग बिहार की सभी प्रमुख दलों के साथ कटी है, चाहे वो नीतीश कुमार की जेडीयू हो, आज के वक्त की दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी हो, चाहे आरजेडी. एक वक्त तो रंजन आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव के सबसे विश्वासपात्र भी हुआ करते थें. मगर यह दोस्ती लंबे वक्त तक नहीं चल सकी.


2015 में आरजेडी से की थी बगावत


2015 में आरजेडी से बगावत कर रंजन ने लालू प्रसाद यादव पर बड़ा आरोप लगाया था. उनका आरोप था कि लालू के शासनकाल में मां-बेटियां सड़क पर खुद को महफूज नहीं समझती थीं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि आरजेडी सुप्रीमो अपने सामाजिक न्याय के नारों को लेकर कभी संजीदा नहीं रहे और वे हमेशा केवल अपने परिवार की खुशहाली के लिए समर्पित है. आगे रंजन ने यह भी कहा था कि आरजेडी के शासनकाल में बिहार का कुछ भी भला नहीं हुआ.


75 वर्षीय रंजन यादव कभी आरजेडी से राज्यसभा सदस्य रहे चुके हैं. तो वहीं 2009 से 2014 के दौरान रंजन पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र से जेडीयू के भी सांसद रहे हैं.


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