Former Union Minister RCP Singh: पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने शनिवार (19 अक्टूबर) को बिहार में नई पार्टी बनाने का ऐलान किया है. बीजेपी से उन्होंने नाता खत्म करने की बात कही है. बीजेपी में मान सम्मान नहीं मिल रहा था, इसलिए उन्होंने बीजेपी से किनारा करने लेने की सोची है. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी और जेडीयू के कई नेता उनके संपर्क में हैं.
आरसीपी सिंह ने खुलकर कर दिया विकल्प का ऐलान
बिहार में सियासी उठापटक और महागठबंधन की सरकार बनने के दौरान आरसीपी सिंह भारतीय जनता पार्टी के साथ चले गए थे, लेकिन जब बिहार में दोबारा नीतीश कुमार ने पलटी मार नीति के तहत एनडीए में वापसी की तो कहा जा रहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह हाशिये पर चले गए हैं. अब आरसीपी सिंह ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. दरअसल आज राजधानी पटना में आरसीपी सिंह का एक पोस्टर सुर्खियों में था. पोस्टर में टाइगर अभी जिंदा है की बात कही गई थी, जिसके बाद अब आरसीपी सिंह ने खुलकर कह दिया है कि बिहार को विकल्प के तौर पर हम नई पार्टी देने जा रहे हैं.
एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपने भविष्य की सियासत पर खुलकर बात की. आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि आपकी सियासी गतिविधि नजर नहीं आ रही आप साइड क्यों हैं? इसके जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं हर जगह नजर आता हूं. कई महीनों से मैं बिहार के विभिन्न कोनों में जा रहा हूं. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करता रहता हूं. मैं बैठा कभी नहीं हूं. लगातार दौरा कर रहा हूं. जब पटना में रहता हूं तो कार्यकर्ताओं से मुलाकात करता हूं.
जब पूछा गया कि क्या आप भारतीय जनता पार्टी में हैं, इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी में सदस्यता अभियान चल रहा है. मैंने कोई रिन्यूअल नहीं कराया. भविष्य के राजनीतिक पर पर जब सवाल किया गया तो आरसीपी सिंह ने कहा नई पार्टी बनाएंगे. आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि बीजेपी में मान सम्मान मिल रहा है तो फिर नई पार्टी क्यों बनाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसका जवाब देते हुए आरपी सिंह ने कहा ऐसा आपको लगता है. मैं दौरे पर गया था. हमारे बहुत सारे कार्यकर्ता हैं, बिहार में आज एक भी पार्टी नहीं जहां कार्यकर्ताओं का मान सम्मान है.
मैं संगठन का आदमी रहा हूं, पहले सरकारी संगठन में था फिर पॉलिटिक्स में आ गया. मुझे पता है कि संगठन में कार्यकर्ताओं के साथ कैसे संवाद रखा जाए. मैंने जो महसूस किया लोगों से बातचीत के दौरान, बिहार के लोग उदास हैं. उनमें उत्साह की कमी है. उन लोगों के राय से ही अब पार्टी बनाने जा रहा हूं. नए दल के बैनर के तहत बिहार में काम करने की रणनीति कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न बैठकों में तय की गई है.
आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि आपकी पार्टी जब बनेगी तो सबसे ज्यादा नुकसान किसे होगा? इसके जवाब में आरसीपी सिंह ने कहा कि हमारी सोच नेगेटिव नहीं है. हम किसी को चोट नहीं करेंगे. मेरी सोच है कि जो लोग किसी दल में दाएं बाएं पड़े हुए हैं, उन्हें मुख्य धारा की सियासत में लाएं. आरसीपीसिंह से पूछा गया क्या जेडीयू ने आपसे संपर्क किया है. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है. अगर जेडीयू बुलाएगी तो जाएंगे इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हम पार्टी बना रहे हैं. हम क्यों जाएंगे.
प्रशांत किशोर की नई पार्टी पर पूछे जाने पर आरसीपी सिंह ने कहा कि सामाजिक जीवन हो या राजनीतिक जीवन जब नई चीज आती है तो कुछ तो बदलाव आता है, जो हमारे साथी उपेक्षित पड़े हुए हैं, उनका साथ जोड़ने का हमारा लक्ष्य है. विपक्षी दलों के नीतीश कुमार को कमजोर और थका हुआ बताए जाने के सवाल पर आरपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार में सभी गुण हैं. मैंने नीतीश कुमार के साथ 24 वर्षों तक काम किया है. नीतीश कुमार जो काम करते हैं, उसका अपना एक स्टाइल है.
'मई 2022 के बाद सीएम नीतीश से मेरी कोई मुलाकात नहीं'
आरसीपी सिंह ने कहा कि मई 2022 के बाद सीएम नीतीश से मेरी कोई मुलाकात नहीं हुई. मैंने उन्हें टीवी में देखा है. मेरी उनसे कोई भेंट नहीं इसलिए स्वास्थ्य के बारे में स्पष्ट नहीं कह सकता. मैं कामना करता हूं देश और बिहार में जो उन्होंने काम किया है और बिहार की सेवा करने के लिए वह स्वस्थ रहें.
जेडीयू में कॉकस होने की बात पर आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के अगल-बगल जिन लोगों की फोटो आती है. उनमें से एक दो को छोड़ दें तो कोई भी समता काल से जेडीयू के साथ खड़े नहीं हैं. आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या नीतीश कुमार को नेताओं ने टेकओवर कर लिया है? इसका जवाब देते हुए आरसीपी सिंह कहते हैं कि जहां तक मैं जानता हूं नीतीश कुमार को कोई टेक ओवर नहीं कर सकता.
आरसीपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या उनकी नई पार्टी 243 सीटों पर लड़ेगी, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ पार्टी बनाएंगे आगे संगठन पर काम किया जाएगा. जो योग्य कैंडिडेट मिलेंगे उन्हें चुनावी मैदान में उतरा जाएगा. हमारे जेडीयू और बीजेपी के कई नेता साथी हैं. सबसे मेरे अच्छे संबंध हैं. राजनीतिक विकल्प की चीज है और अगर विकल्प मिलता है, तो कई राजनीतिक दलों के लोग जुड़ेंगे.
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