RCP Singh On Land Survey: बिहार में सर्वे का काम चल रहा है. जमीन सर्वे पर आरसीपी सिंह ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ कानून बनाने और नियम लाने से कुछ नहीं होगा. गांव के लोग चिंतित है, चुकी जमीन के बारे में वे लोग जानते नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरा एक सुझाव है जमीन का मसाला बहुत पेचीदा होता है. इसलिए जितने भी हमारे गांव हैं, सभी गांव में जितना भी नक्शा है उसको सार्वजनिक स्थल पर एक जगह नहीं दो जगह नहीं तीन जगह चार जगह प्रकाशित किया जाना चाहिए.
आरसीपी ने लैंड सर्वे पर दिया ये सुझाव
आरसीपी सिंह ने कहा कि सभी खाते की संख्या होनी चाहिए और खातेदारों का नाम होना चाहिए. जमीन की क्या नवैयत है, उसका स्पष्ट जिक्र होना चाहिए. गांव वालों को या जनना जरूरी है कि जमीन का मालिक कौन है. बहुत लोगों को यह जानकारी नहीं है कि वह जमीन किसकी है कौन किसका मालिक है और जानकारी के अभाव में ही तनाव होता है. लोगों में विवाद बढ़ता है. उन्होंने नीतीश सरकार पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा कि नए-नए आप कानून बनाइएगा, नई-नई व्यवस्था लाइएगा, नई-नई नियमावली बनाइएगा. इससे समस्या का समाधान नहीं बल्कि समस्या और विकराल रूप ले लेगी.
इसलिए जरूरी है कि आज की डेट में ग्रामीण लोग को यह जानकारी हो जानी चाहिए कि जितनी भी जमीन है, जितने भी खातेदार हैं. उस जमीन का कौन-कौन मालिक है. कितने गैर मजरुआ जमीन है अगर मजरुआ है तो आम गैरमजरुआ, खास गैरमजरुआ कितने रैयत जमीन है. आज पूरे बिहार में स्पष्टता से इन चीजों को कोई नहीं जानता है. इसकी जानकारी भी कम लोगों को हैं, तो सरकार को आगे बढ़ करके काम करना होगा. अभी सर्वे हो रहा है. लोग अंचल कार्यालय जा रहे हैं, अंचल में ग्रामीणों को क्या समझा पाएंगे. यह संभव नहीं है. जमीन का मुद्दा अगर छेड़ा जाता है और अगर उसको लॉजिकल इंड तक नहीं ले जाया जाएगा तो आगे बहुत भारी समस्या उत्पन्न हो जाएगी.
अशोक चौधरी पर क्या बोले आरसीपी सिंह?
मंत्री अशोक चौधरी के विवादित बयान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि मंत्री अशोक चौधरी ने जो बयान दिया है वह कहीं से भी उचित नहीं है और मुख्यमंत्री नितीश बाबू जो पिछले 19 वर्षों से बिहार में एक दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं, उनके शासन की पहचान क्या है समावेशी विकास, समावेशी समाज, सामाजिक सद्भाव का वह ताना-बाना बुने हैं. नीतीश बाबू सभी समाज के लोगों को एक साथ लेकर चलते हैं और ऐसे में अगर उनके मंत्री ऐसे बयान देते हैं, जो पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना है. यह तो उनके नेता नीतीश कुमार कि आज तक की जो कमाई है वह तो नेस्तानाबूद कर देगे. बहुत मुश्किल से बिहार में सामाजिक सद्भाव सांप्रदायिक सद्भाव का निर्माण हुआ है इसलिए लोगों को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए.
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