बिहार: रोहतास में दूषित पानी पीने से चार बच्चों की मौत, 40 से अधिक लोग बीमार
वन विभाग द्वारा लूज वोल्डर स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें बहुत सारे मजदूर काम कर रहे हैं. उन्हीं मजदूरों के बच्चों की मौत उल्टी दस्त तथा पेट दर्द होने के बाद हुई है.
रोहतास: बिहार के रोहतास जिला के नौहट्टा थाना क्षेत्र के चपरी गांव में दूषित पानी पीने से पिछले 4 दिनों में 3 बच्चे की मौत की हो गई है. जबकि एक अन्य बच्चे की मौत की भी चर्चा है. बताया जाता है कि वन विभाग द्वारा लूज वोल्डर स्ट्रक्चर का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमें बहुत सारे मजदूर काम कर रहे हैं. उन्हीं मजदूरों के बच्चों की मौत उल्टी दस्त तथा पेट दर्द होने के बाद हुई है.
मृतक बच्चों में नंदलाल उरांव का 10 वर्षीय बेटा रवि, गोरख उरांव की 11 वर्षीय बेटी फूलमती और 10 वर्षीय बेटी प्रेमशिला शामिल हैं. इसके अलावा एक और बच्चे की मौत होने की चर्चा है. सभी मृतक बच्चे अलग-अलग गांव के रहने वाले हैं. गुरुवार को जहां नंदलाल के एक पुत्र की मौत की खबर आई थी. इसके बाद शनिवार की शाम भी चपरी से एक और बच्चे की मौत की खबर आई, जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली है.
बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच गई है. बता दें कि चपरी गांव जिला मुख्यालय से 135 किलोमीटर दूर और नौहट्टा प्रखंड मुख्यालय से पहाड़ी रास्तों से 40 किलोमीटर अंदर जंगल में बसा है.
इधर, घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार मेडिकल टीम के साथ खुद गांव पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इसके अलावा जिन लोगों में उल्टी दस्त आदि की शिकायत है, उन्हें दवा दी गई है. सिविल सर्जन ने बताया कि तमाम तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं तथा उचित इलाज भी मुहैया कराया गया है.
इस संबंध में चेनारी के कांग्रेस विधायक मुरारी प्रसाद गौतम ने बताया कि वह लगातार अधिकारियों से संपर्क में है. बच्चों की मौत कैसे हुई, यह पता लगाया जा रहा है. इस पूरे मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है क्योंकि समय रहते उनका अगर इलाज हुआ होता तो बच्चों की मौत नहीं होती.
उन्होंने बताया कि दूषित पानी पीने से अलग-अलग गांव में 40 से अधिक लोग बीमार हैं. सभी को उल्टी दस्त की शिकायत है. जानकार बताते हैं कि जंगली इलाकों में पहाड़ों से निकलने वाले कई जलस्रोत में खनिज आदि मिला रहता है. जो कभी कभी जहरीला हो जाता है.
वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग द्वारा लूज वोल्डर स्ट्रक्चर निर्माण कार्य में लगे मजदूरों तथा उनके परिजन के लिए शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है. यही कारण है कि मजबूरन उन लोगों को पहाड़ी पानी पीना पड़ा और जान गवानी पड़ी.