Embankments broke at five places In Bihar: बिहार में हो रही लगातार बारिश के बाद कोसी नदी और गंडक नदी में अप्रत्याशित वृद्धि होने से 13 जिलों में भयावह बाढ़ की स्थिति उतपन्न हो चुकी है और पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस बार कोसी नदी में 94 मीटर जलस्तर हो गया है. बाढ़ की स्थिति से लोग परेशान हैं. बाढ़ की समस्या पर आपदा प्रबंधन मंत्री संतोष सुमन ने सोमवार (30 सितंबर) को कहा कि बाढ़ के कारण बिहार में जो स्थिति है, वह निश्चित तौर पर चिंताजनक है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि अभी स्थिति उतनी ज्यादा भयावह नहीं है. बिहार सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी बिहार के बाढ़ पर नजर बनाए हुए हैं. 


कोसी के साथ गंगा का भी जलस्तर बढ़ा 


मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि गंगा का भी जलस्तर बढ़ा है, जिस कारण 16 जिला बाढ़ से प्रभावित हुए हैं और नेपाल से पानी छोड़ा गया है, इसमें 13 जिला अभी बाढ़ प्रभावित हो चुके हैं. तो कुल 29-30 जिले बिहार में बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि अभी जो सीमांचल में बाढ़ की स्थिति है वह बहुत दिनों के बाद ऐसी आपदा आई है. इसके लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों मुस्तैद है .केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय भी बाढ़ का जायजा लेने के लिए पहुंचे हैं और देख रहे हैं. हम लोग भी सभी कुछ देख रहे हैं, जरूरत पड़ी तो केंद्र सरकार की भी मदद लेंगे.


उन्होंने कहा कि कई जगह पर अभी जो सूचना मिली है, उसमें चार जिलों में पांच जगह तटबंध टूट चुके हैं. हम लोग हर मिनट मिनट पर जानकारी ले रहे हैं और उसका आकलन कर रहे हैं. जितनी भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की जरूरत है वहां भेज रहे हैं. सरकार की ओर से पूरी कोशिश हो रही है, चाहे लोगों को बचाने की का काम हो या रहने खाने पीने के लिए राहत शिविर लगाने की बात हो या फूड पैकिंग भेजने की का काम हो. हर जगह पर मुस्तादी से काम किया जा रहा है. हर जगह पर बोट एंबुलेंस और नाव की व्यवस्था की गई है. आपदा प्रबंधन के साथ जल संसाधन विभाग की टीम भी लगी हुई है और सभी अलर्ट पर हैं.


रेस्क्यू ऑपरेशन में लापरवाही और खाने पीने की चीज नहीं पहुंचने की शिकायत पर मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि कुछ जगहों पर ऐसी लापरवाही हो रही होगी, लेकिन लगभग हर जगह पर हमारी टीम लगी हुई है. नाव की संख्या बढ़ाई जा रही है और हम लोग मॉनिटरिंग कर रहे हैं. सब जगह के डीएम से बात हो रही है. हमारे आपदा प्रबंधन के अपर मुख्य सचिव दरभंगा कैंप किए हुए हैं और जहां से भी ऐसी घटना सामने आती है. उस पर तुरंत काम हो रहा है. तुरंत राहत पहुंचाने और सुविधा देने का काम करेंगे.


'जरूरत पड़ी तो ली जाएगी सेना की मदद' 


उन्होंने कहा कि अभी जरूरत पड़ी तो सेना की मदद ली जाएगी, लेकिन अभी सेना की मदद लेने की स्थिति नहीं बनी है. तटबंध  टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी लोग भी अलर्ट मोड पर थे, लेकिन नेपाल से जो पानी छोड़ा गया है वह पानी की रफ्तार बहुत तेज थी उसने बांध तोड़ दिया. कुछ चीज ऐसी होती है वह जो नेचुरल होती है. वह हम लोग के बस में नहीं होती है, इसलिए किसी अधिकारी पर आरोप लगाना उचित नहीं है, इंजीनियर लगे हुए हैं.


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