Bihar News: मुकेश सहनी को गाली देने वाले थानेदार पर गिरी गाज, VIP ने कहा- 'सेवा से बर्खास्त करें'
Bihar News: थानेदार का गाली वाला ऑडियो सामने आने के बाद इस मामले में एसएसपी आशीष भारती ने जांच के आदेश दिए थे. अब तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है.
Action on Aamas SHO Viral Audio: बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और वीआईपी प्रमुख को गाली देने वाले गया के आमस थानेदार पर कार्रवाई हो गई है. बीते रविवार (22 सितंबर) को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर किया गया है. इस पर विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि लाइन हाजिर से काम नहीं चलेगा. उन्होंने गालीबाज दारोगा को पुलिस सेवा से बर्खास्त करने की डीजीपी से मांग की है.
थानेदार का गाली वाला ऑडियो सामने आने के बाद इस मामले में एसएसपी आशीष भारती ने जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद रविवार को देर शाम जानकारी दी गई कि थानेदार पर कार्रवाई की गई है. गया पुलिस के एक्स हैंडल से बताया गया कि, "पुलिस निरीक्षक इंद्रजीत कुमार के द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए वायरल ऑडियो को गंभीरता से लेते हुए पुलिस महानिरीक्षक गया से नियमानुसार निलंबन एवं अनुशासनिक कार्रवाई करने हेतु अनुशंसा की गई है. पुलिस निरीक्षक इंद्रजीत कुमार को मौखिक निर्देशानुसार तत्काल प्रभाव से पुलिस लाइन (गया) वापस किया गया है." इसके बाद ऑडियो वायरल होने पर कार्रवाई हुई है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि गया के आमस थाना के प्रभारी इंद्रजीत कुमार ने वीआईपी के प्रखंड अध्यक्ष अनिल कुमार से फोन पर गाली-गलौज कर दी. अनिल कुमार अपनी बाइक चोरी के केस की जानकारी लेने के लिए आमस थाना पहुंचे थे. तब ही थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार तेवर दिखाने लगे. थानाध्यक्ष ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहा, "मुकेश सहनी तो अब मंत्री भी नहीं है, पूर्व मंत्री है. मेरा क्या उखाड़ लेगा. 'यहां भी सीएम का रिश्तेदार है मालूम है न?"
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— GAYA POLICE (गया (बिहार) पुलिस ) (@GAYAPOLICEBIHAR) September 22, 2024
देव ज्योति ने कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल
वहीं इस पूरे मामले में वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. यहां थानेदार तक किसी का नहीं सुनता है. एक जनप्रतिनिधि तक की बात जब थानेदार कुछ नहीं समझता है तो आम आदमी की हालत थाने में क्या होगी इससे बखूबी समझा जा सकता है.
देव ज्योति ने कहा, "बिहार में पुलिस को शराब पकड़ने के लिए लगा दिया गया है. कोई काम नहीं किया जा रहा है. प्रदेश में चोरी, लूट और हत्याओं का सिलसिला थम नहीं रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्राइम को लेकर समीक्षा बैठक करते हैं और उसमें ना तो डीजीपी रहते हैं ना मुख्य सचिव और एडीजी, फिर इस तरह की बैठक से क्या फायदा? बिहार में अगर यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं है जब 2025 में जनता नीतीश कुमार को सत्ता से बाहर फेंक देगी."
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