Message Of Mutual Harmony: लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व को लेकर गया शहर की फल मंडी में फलों का बाजार सजा है, जहां शहरी क्षेत्र के अलावे विभिन्न प्रखंडों से फलों और पूजा सामग्रियों की खरीददारी करने आते है. फल मंडी में अधिकतर मुस्लिम दुकानदार हैं. फल के थोक विक्रेता मो. फैज आलम ने गुरुवार को बताया कि पहले उसकी दुकान केदारनाथ मार्केट में थी, जहां ज्यादा भीड़ होने की संभावना को लेकर जिला प्रशासन के आदेश पर छठ पर्व तक गांधी मैदान में फल और सब्जी मंडी को शिफ्ट किया गया है.


'सभी धर्म के लोग खरीददारी कर रहे हैं'


छठ महापर्व में भी वह केला, सेव, संतरा सहित विभिन्न फलों को सजाया है. सभी धर्म के लोग खरीददारी कर रहे हैं. छठ पर्व में भी लोग फलों की खरीददारी करते हैं. यह कोई नई बात नहीं है. केदारनाथ मार्केट में पहले दुकान थी दुर्गापूजा, होली, दीपावली, रोजा आदि सभी धर्मों के पर्व त्योहारों में सभी धर्मों के लोग फलों की खरीददारी करते हैं. मेला तो सिर्फ 5 दिनों का है यहां सालोंभर लोग खरीददारी करते हैं. सभी आपस में रहते हैं. फलों का रेट बताते हुए कहा कि कुछ फलों का रेट महंगा हुआ है इस बार हुआ है. बाकी सभी फलों का रेट अन्य दिनों की तरह ही है.


वहीं, फलों की खरीददारी करने आए आलोक कुमार ने बताया कि सिर्फ सोशल मीडिया ही हिन्दू मुस्लिम पर इस तरह की बातें रखते हैं कि मुस्लिम दुकानदार से फल नहीं खरीदना चाहिए आदि, इन सारी बातों को फैलाया जाता है. यहां हिन्दू मुस्लिम सभी जाति धर्म के लोग एक साथ रहते हैं. दुर्गा पूजा, दीपावली में और अब छठ में मुस्लिम दुकानदार हो या हिन्दू दुकानदार सामानों की खरीददारी करते हैं.


सौहार्द को बिगाड़ने वाले संदेशों से दूर रहने की सलाह


दिपावली में तो ज्यादातर पटाखों का दुकान मुस्लिम समुदाय के लोग ही बेचते हैं. सभी खरीददारी करते हैं. छठ पर्व वह फल खरीदने आए है और सभी लोग खरीददारी करते हैं. जमीनी स्तर पर सभी जाति धर्म के लोग एक साथ रहते है. इससे कोई असर नहीं होता है. लोग एक दूसरे के पर्व त्योहारों में भी शामिल होते हैं. बताया कि आपसी भाईचारे और सौहार्द को बनाए रखने में सभी धर्मों का महत्वपूर्ण भूमिका रही है. आलोक कुमार ने सौहार्द को बिगाड़ने वाले संदेशों और अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी है.