HOW LONG SHOULD WE SUFFER? नवादा में दिवाली पर रंगोली बनाकर बेटियों ने पूछा, कहा- समाज में अंधेरा...
Rangoli on Diwali: लड़कियों ने कहा कि प्रभु राम के वनवास के बाद अयोध्या लौटने पर दीवाली मनाई गई थी, लेकिन उस समय की दीवाली और आज की दीवाली में काफी अंतर है. आज समाज में अंधेरा छाया हुआ है,
Girl Students Of Nawada Made Rangoli: दीपों का पर्व दीपावली (Deepawali 2024) गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. बिहार में भी इस त्योहार को बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस मौके पर नवादा की छात्राओं ने रंगोली बनाई और उस रंगोली में कोलकाता की घटना का जिक्र किया. लड़कियों ने कहा मां सीता भगवान राम के साथ वनवास कर लौटी थीं, बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी, लेकिन आज भी सोसायटी में दरिंदे भरे हैं. समाज में अंधेरा छाया हुआ है. छात्राएं 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' पर भी खूब बोलीं. बेटियों ने रंगोली बना कर देश से जवाब मांगा कि 'HOW LONG SHOULD WE SUFFER?'
छात्राओं ने रंगोली बनाकर दिया संदेश
दरअसल नवादा में दीपावली के अवसर पर आकर्षक रंगोली बनाकर छात्राओं ने कोलकाता में महिला चिकित्सक के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ आमजनों को संदेश दिया. कोलकाता रेपकांड के खिलाफ रंगोली बनाने वाली छात्राओं ने कहा कि बेटियां सफल तो हो जाती हैं, लेकिन सुरक्षित नहीं रह पाती हैं. मां-पिता पूरी उम्मीदों से बेटियों के सपनों को पूरा करते हैं, लेकिन कुछ दरिंदे अत्याचार करते हैं.
कोलकाता की महिला चिकित्सक से गैंगरेप किया जाना दुखद है. छात्राओं ने सवाल किया कि बेटी बचेगी ही नहीं तो बेटी बेटी पढ़ेगी कैसे. एक छात्रा ने कहा कि रंगोली खुशियों का त्योहार है. मां सीता भगवान राम के साथ वनवास पूरा कर लौटी थीं. लोगों को जागरूक करने के लिए रंगोली बनाई गई है. लोग बेटियों को बहन की नजर से देखें. सोसायटी को मैसेज देना चाहते हैं कि बेटियां सुरक्षित नहीं है. घर से निकलने में घबराती हैं, आखिर कबतक ऐसा चलेगा.
'लोगों को आगे ओन की जरुरत है'
लड़कियां खुद को काफी डरा हुआ महसूस कर रही हैं. प्रभु राम के वनवास के अयोध्या लौटने पर दीवाली मनाई गई थी. लेकिन उस समय की दीवाली और आज की दीवाली में काफी अंतर है. आज समाज में अंधेरा छाया हुआ है, जिसे दूर करने के लिए लोगों को आगे ओन की जरुरत है.