बिहार का ‘गोलू’ चला इटली, विदेश से पहुंचे ‘मम्मी-पापा’ तो देखते ही सीने से चिपक गया, जानें पूरा मामला
सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की ओर से इजाजत मिलने के बाद उन्हें गोलू को सौंपा गया है. हाजीपुर के दत्तक संग्रह केंद्र में गोलू पिछले दो सालों से रह रहा था.
हाजीपुरः बिहार के अनाथ गोलू (काल्पनिक नाम) को अब माता-पिता का सहारा मिल गया है. करीब तीन साल के गोलू को ले जाने के लिए इटली से एक दंपति सोमवार को हाजीपुर पहुंचा. गोलू को लेने के बाद उसके नए माता-पिता इटली रवाना हो गए. दरअसल, हाजीपुर के दत्तक संग्रह केंद्र में गोलू पिछले दो सालों से रह रहा था. इटली के रहने वाले डॉक्टर दंपति ने गोलू को गोद लिया है.
इस पूरे मामले में बताया जाता है कि तीन साल की कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने और सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की ओर से इजाजत मिलने के बाद उन्हें गोलू को सौंपा गया है. सोमवार की शाम इटली के रहने वाले दंपति बिहार के हाजीपुर पहुंचे. यहां दत्तक संग्रह केंद्र में पूरी प्रक्रिया की. इसके बाद वे गोलू से मिले. गोलू इटली के दंपति से इस कदर सीने से चिपक गया जैसे उसने अपनी मां का गोद मिल गया हो. उसके चेहरे पर मुस्कुराहट दिखी.
दंपति ने पहले इटली में कराया था रजिस्ट्रेशन
इटली से बिहार पहुंचे मार्को ने बताया कि उनके बच्चे नहीं हैं. वे भारतीय संस्कृति और संस्कारों से बेहद प्रभावित हैं, इसीलिए भारतीय बच्चे को गोद लेना चाहते थे. वहीं, कैरियर एजेंसी के को-ऑर्डिनेटर जमाल मुर्शिद ने कहा कि इनलोगों ने पहले इटली में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था. पूरी प्रक्रिया होने के बाद आज इनको बच्चा मिला है. बच्चों को अब लेकर वीजा बनवाकर जाएंगे. सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) की वेबसाइट से रजिस्टर कर बच्चे को एडॉप्ट किया जाता है. पूरा रिसर्च के बाद बच्चे को दिया जाता है.
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