Bihar News: गोपालगंज में शराब तस्करों का पीछा कर रही पुलिस गाड़ी डिवाइडर से टकराई, चौकीदार की मौत, SI समेत तीन घायल
Gopalganj Police: चौकीदार का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं. बच्चों की परवरिश कैसे होगी, इसके लिए पुलिस परिवार ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है.
Gopalganj Chowkidar Died: गोपालगंज में रविवार 18 अगस्त को शराब माफियाओं का पीछा करते हुए मोतिहारी में पहुंची महम्मदपुर थाने की पुलिस दुर्घटना का शिकार हो गई. पुलिस की गाड़ी डिवाइडर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में एक चौकीदार की मौत हो गई, जबकि दारोगा, चौकीदार समेत तीन लोग घायल हो गए. यह हादसा पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट थाना क्षेत्र के बड़हरा खुर्द गांव के समीप एनएच-27 पर हुआ.
शराब माफिया का पीछा कर रही थी पुलिस
हादसे में शहीद हुए चौकीदार की पहचान महम्मदपुर थाना क्षेत्र के मंगलपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार राय के रूप में हुई. जबकि घायल पुलिस पदाधिकारी में मोहन कुमार निराला, बांसघाट मंसुरिया के चौकीदार बजरंग यादव व एक अन्य मदन राय बताए गए हैं. सभी को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जाता है कि पुलिस शराब तस्करों की टोह में डुमरिया घाट में वाहन जांच अभियान चला रही थी. इसी दौरान गोपालगंज की तरफ से आ रही एक ब्रेजा कार पुलिस को चकमा देकर भागने लगी.
आनन-फानन में पुलिस ने स्कॉर्पियो गाड़ी से ब्रेजा का पीछा किया. वाहन का पीछा करने के दौरान पुलिस की स्कॉर्पियो डिवाइडर से जा टकराई और पलट गई. गाड़ी चला रहे चौकीदार धर्मेंद्र कुमार राय के ऊपर गाड़ी पलट गई, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई. घटना की खबर पाकर एसडीपीओ अभय कुमार रंजन, महम्मदपुर थानाध्यक्ष अमित कुमार तथा डुमरिया घाट पुलिस पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. जबकि महम्मदपुर पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भेजा.
सड़क दुर्घटना में मृत चौकीदार धर्मेंद्र कुमार राय अपने पिता की मौत के बाद अनुकम्पा पर बहाल हुए थे. धर्मेन्द्र कुमार राय के पिता भोज राय महम्मदपुर थाने में चौकीदार थे और 2012 में उनकी मृत्यु हो गई थी. तब अनुकंपा पर धर्मेन्द्र की नियुक्ति 2014 में महम्मदपुर थाने में पिता की जगह पर हुई थी. चौकीदार धर्मेन्द्र कुमार राय की मौत के बाद उनके पैतृक गांव मंगलपुर में मातमी स्नान्नता पसरा हुआ है. गांववालों के आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है.
वहीं, परिजनों में कोहराम मच गया है. ड्यूटी के दौरान अपना फर्ज अदा करते हुए शहीद हुए चौकीदार धर्मेंद्र कुमार राय को रविवार को पुलिस लाइन में भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई. पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद चौकीदार को अंतिम सलामी दी गई. मृतक की बुजुर्ग मां मंगलावती देवी और पत्नी संगीता देवी रो-रो कर बेहोश हो जा रहीं थीं. जबकि तीन मासूम बच्चे आंशु आठ वर्ष, अंशिका पांच वर्ष और आर्यन एक वर्ष कुछ समझ ही नहीं पा रहे थे. धर्मेंद्र अपने परिवार का इकलौता कमाऊ व्यक्ति थे. अब इस परिवार के सामने बड़ी विपत्ति आ खड़ी हुई है.
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात, सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार, एसडीपीओ प्रांजल, मुख्यालय डीएसपी विजय कुमार मिश्रा, लाइन डीएसपी सुबोध कुमार, नगर इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान समेत तामम पुलिस पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. श्रद्धांजलि के दौरान कई पुलिस पदाधिकारी भावुक हो गए. पुलिस लाइन से अंतिम यात्रा निकाली गई. वाहन को फूलों से सजाकर शहीद चौकीदार के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव में स्कॉट के साथ भेजा गया. वहीं, श्रद्धांजलि के दौरान पुलिस लाइन परिसर में शहीद चौकीदार का पूरा परिवार पहुंचा था. परिजनों की चीत्कार काे सुनकर सभी की आंखें नम हो गईं. भावुक होकर पुलिसकर्मियों ने शहीद चौकीदार को विदा किया.
चौकीदार के परिवार की होगी आर्थिक रूप से मदद
चौकीदार का परिवार पूरा आर्थिक रूप से कमजोर है. छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं. बच्चों की परवरिश कैसे होगी, इसके लिए पुलिस परिवार ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. जिले भर के पुलिस पदाधिकारियों और जवानों के साथ-साथ चौकीदारों ने अपना एक दिन का वेतन देने की घोषणा की है. एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि पदाधिकारी से लेकर सभी कर्मियों ने एक दिन का वेतन दान करने घोषणा की है, ताकि शहीद चौकीदार के बच्चों का लालन-पोषण हो सके. वहीं, अनुकंपा पर पत्नी को नौकरी भी मिलेगी.
चौकीदारों को बिहार पुलिस में शामिल कर पुलिस का पार्ट बनाने के लिए गोपालगंज से अनुशंस भेजी जाएगी. ड्यूटी के दौरान शहीद होने पर चौकीदार के आश्रित को भी बिहार पुलिस की तर्ज पर मुआवजा और सुविधाएं मिले. इसके लिए पहले से मांग चल रही है. चौकीदार के पास गन भी नहीं रहती है, जिससे अपराधियों को पकड़ने में कई बार संकोच करते हैं. एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि चौकीदारों को गन मिले, इसके लिए गृह विभाग को अनुशंसा भेजी जाएगी. बिहार पुलिस की तर्ज पर इन्हें शहीद होने पर सुविधाएं मिले.
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