Health Minister Mangal Pandey: बिहार के दरभंगा जिले में एम्स निर्माण के लिए तेज गति से काम हो रहा है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेशानुसार एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) को जमीन हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली है. मंगलवार (24 सितंबर) को सचिवालय स्थित विकास भवन सभागार में विभाग ने एम्स निर्माण के लिए शेष बची 37.31 एकड़ जमीन भी हस्तांतरित कर दी. इससे पहले बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को हस्तांतरित की थी. अब केंद्र को कुल 187.44 एकड़ जमीन मुहैया करा दी गई है, जिस पर एम्स का निर्माण होना है. 


शेष 37.31 एकड़ जमीन केंद्र को हस्तांतरित


स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव ने मंगलवार को एम्स निदेशक को जमीन के कागजात सौंप दिए. कार्यक्रम के दौरान सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि दरभंगा एम्स निर्माण के लिए बिहार सरकार ने 150.13 एकड़ जमीन केंद्र सरकार को पूर्व में हस्तांतरित कर दी गई थी. आज शेष 37.31 एकड़ जमीन और हस्तांतरित हो गई. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी मौजूद थे.


 मंगल पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 2019-20 में दरभंगा में बिहार के दूसरे एम्स की स्वीकृति प्रदान की गई थी. 750 बेड वाले इस अस्पताल के लिए 2020 में 1 हजार 264 करोड़ राशि मंजूर की गई थी. वर्तमान में संस्थान को नए स्वरुप में बनाने के लिए आईआईटी दिल्ली को जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें अनुमानित व्यय और अधिक होगी, जिससे आठ करोड़ से ऊपर मिथिलावासियों सहित नेपाल और पूर्वाेत्तर राज्यों के लोगों को सुलभ स्वास्थ का सपना साकार होकर अब हकीकत में बदलने जा रहा है.


एम्स के लिए कुल 187.44 एकड़ जमीन निर्धारित


स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जमीन के दस्तावेज स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव शशांक शेखर सिन्हा ने एम्स के कार्यपालक निदेशक सह सीइओ माधवानंद को सौंपे गए. दरभंगा एम्स के निर्माण के लिए कुल 187.44 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है, जिसे सौंपने की प्रक्रिया मुख्यमंत्री के प्रयास से पूर्ण हो गई.


इस परियोजना से क्षेत्र के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार होगा और स्थानीय लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेगींं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शोभन बाइपास की जमीन को एम्स निर्माण के लिए उपयुक्त बताया था. इसका निर्माण कार्य जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री के जरिए नींव रखकर शुरु किया जाएगा. जिसकी घोषणा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा कर चुके हैं.


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