पटना: बिहार में निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav) को लेकर घमासान जारी है. बुधवार को कोर्ट में बिहार सरकार (Bihar Govt) बैकफुट पर आ गई. पहले से ही चुनाव स्थगित होने पर नीतीश कुमार की किरकिरी हो रही थी. सरकार ने कोर्ट के फैसले को चैलेंज करते हुए रिव्यू पिटीशन दिया था. अब तुरंत ही आयोग का गठन कर लिया गया. इसे लेकर बीजेपी (BJP) लगातार हमलावर है. वहीं आयोग बनने के बाद कांग्रेस (Congress) का भी दर्द झलक रहा. आयोग बनने के बाद पार्टियों की तरफ से कई बयान आए हैं. इसमें c(Grand Alliance) में भी नाराजगी दिख रही. वहीं बीजेपी ने उसी पर चुटकी ली है.
कांग्रेस का नहीं पसंद आया नीतीश कुमार का रवैया
अति पिछड़ा आयोग के गठन के बाद महागठबंधन में शामिल पार्टी कांग्रेस को इस फैसले से मलाल है. आयोग में कांग्रेस का एक भी नेता सदस्य में नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि अति पिछड़ा आयोग में पांच सदस्यीय कमेटी बनी है. इसमें तीन जेडीयू से हैं. दो आरजेडी से हैं. इसमें एक कांग्रेस से भी होना चाहिए था लेकिन नहीं हुआ.
तिवारी ने कहा कि ऐसा हुआ भी तो कोई बात नहीं है. जरूरी ये है कि रिपोर्ट अच्छी आनी चाहिए. बिल्कुल न्याय संगत रिपोर्ट आनी चाहिए जिससे यह साफ हो सके कि बिहार में राजनीतिक सामाजिक और आर्थिक रूप से कौन सा ऐसा वर्ग है जिसे निकाय चुनाव में आरक्षण की जरूरत है. हमें पूरा भरोसा है कि न्याय संगत रिपोर्ट आएगी.
बीजेपी बोली- नीतीश ने महागठबंधन के दलों को दिखाई औकात
इस मामले पर बीजेपी ने तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि अति पिछड़ा आयोग के गठन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गठबंधन के पार्टियों को आईना दिखाने का काम किया है कि आपकी क्या औकात है? गठबंधन में मैं ही तालिबानी ताकत हूं. अति पिछड़ा आयोग के गठन में जेडीयू को छोड़कर किसी दल के कार्यकर्ता नेता को सदस्य नहीं बनाया गया है. नीतीश कुमार ने बताया है कि आज भी मैं नीतीशे कुमार हूं सबसे बड़ा पलटीमार हूं. अरविंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार ने यह दिखाया है कि मैं जो चाहूंगा वही करूंगा और आरजेडी, कांग्रेस और वामदल सभी को औकात दिखाने का काम किया है.
जेडीयू ने कहा इस पर राजनीतिकरण नहीं होनी चाहिए
वहीं जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बहुत ऐसे मामले और मसले होते जिसमें सरकार अपने हिसाब से नीतिगत फैसले लेती. इसमे पॉलिटिकल पार्टियों का कोई रोल नहीं होता. निकाय चुनाव में सरकार रास्ता निकालने के लिए प्रयासरत थी जिसके लिए आयोग का गठन किया गया. इस पर राजनीतिकरण नहीं होनी चाहिए. सरकार ने जो नीतिगत फैसला लिया है उसका हर किसी को स्वागत करना चाहिए.
आरजेडी ने भी दी प्रतिक्रिया
इधर, दूसरी ओर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सात दलों की सहमति से अति पिछड़ा आयोग का गठन किया गया. इसमें चेयरमैन के साथ चार सदस्य हैं. किसी पार्टी किसी दल को इसके लिए कोई संशय नहीं है. बीजेपी बेवजह राजनीति कर रही.
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