पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) के राजस्व विभाग ने दो महीने पहले भूमि सर्वेक्षण के काम के लिए 10,101 पदों पर अमीन, कानूनगो, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और विशेष सर्वेक्षण लिपिक में सीधी नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया था. अब इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई है. सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. पिछले दिनों बिहार कैबिनेट ने नियुक्ति की नई नियमावली को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद राजस्व विभाग ने इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया है.


बताया जाता है कि अब नए सिरे से नई नियमावली के मुताबिक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी. कुछ दिन पहले अभ्यर्थियों ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था. कहा था महागठबंधन सरकार में यह एक साल के लिए वैकेंसी निकली है. इसमें भी कई खामियां हैं. उनका कहना था कि 2019 में हुई बहाली के लिए बनी नियमावली के मुताबिक सिर्फ अंकों के आधार पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 2020 में की गई नियुक्ति के आधार पर विज्ञापन निकाला गया था लेकिन विभाग पारदर्शिता का हवाला देते हुए प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर चयन का निर्णय लिया है.


अभ्यर्थियों का कहना था कि इसकी क्या गारंटी है कि परीक्षा निष्पक्ष होगी? क्योंकि बीपीएससी जैसी परीक्षा में तो पेपर लीक हो जाते हैं. यह अमीन की परीक्षा है. वह भी अनुबंध पर लिया जाएगा. इसमें कितनी पारदर्शिता होगी? अभ्यर्थियों ने कहा था कि युवाओं को झांसा देकर तेजस्वी यादव सरकार में आ गए हैं लेकिन युवा उन्हें सबक जरूर सिखाएगी. अभ्यर्थियों का कहना था कि उन्होंने जो फार्म भरा था उसमें जिस नियमावली पर नौकरी देने की बात है उस नियमावली को रखा जाए.


2019 में अंकों के आधार पर ली गई थी परीक्षा


दरअसल, भूमि एवं राजस्व विभाग की ओर से 2019 में अमीन की बहाली निकाली गई थी. इसके लिए बनी नियमावली के मुताबिक सिर्फ अंकों के आधार पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 2020 में नियुक्ति की गई थी. 2019 की उस नियमावली के आधार पर चयनित करीब 4.5 हजार कर्मी फिलहाल 20 जिलों में सर्वे कार्य में लगे हैं. बाद में पाया गया था कि कई कर्मी फर्जी डिग्री के आधार पर चयनित हो गए हैं.


इस साल फिर से 10101 पदों पर अक्टूबर महीने में पहले की नियमावली पर विज्ञापन निकाला गया था. दो महीने बाद विभाग की नींद टूटी और पारदर्शिता के मद्देनजर प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर चयन का निर्णय लिया गया. अब इसे निरस्त कर दिया गया है.


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