कैमूर: आंगनवाड़ी के बच्चों को टीएचआर बांटने के लिए सरकार की ओर से जारी की गई नई आदेश आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिए आफत बनता दिख रहा है. दरसअल, सरकार की ओर से आंगनबाड़ी के बच्चों को डिजिटल तरीके का इस्तेमाल कर टीएचआर बांटने का आदेश जारी किया गया है, जिससे आंगनबाड़ी सेविकाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.


कई आंगनबाड़ी सेविकाओं को मोबाइल चलाने का तरीका नहीं पता है, इसके बावजूद विभाग ने बिना प्रशिक्षण दिए ही सभी सेविकाओं को मोबाइल में ओटीपी दर्ज कर टीएचआर बांटने का निर्देश जारी कर दिया है. ऐसे में जिले में कई जगहों पर टीएचआर बंटने का काम रुक गया है. वहीं, अगर कुछ आंगनबाड़ी सेविका टीएचआर बंट भी रही हैं, तो वह अपने परिजनों का सहयोग ले रही हैं.


दरअसल, कोरोना काल में बच्चों के पोषाहार में कोई कमी ना हो उसको देखते हुए सरकार के निर्देश पर प्रत्येक माह टीएचआर मैनुअली बांटा जा रहा था. लेकिन सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद सभी लाभुकों के मोबाइल नंबर पर ओटीपि गया है. अब उस ओटीपी नंबर को सेविका अपने मोबाइल में दर्ज करेंगी, उसके बाद ही राशन का वितरण करेंगी, जिससे फर्जी लाभुकों के पास राशन न जाए.


इस संबंध में आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि विभाग ने उन्हें मोबाइल सिर्फ अटेंडेंस बनाने के लिए दिया था. टीएचआर वे लोग मैन्युअल रजिस्टर पर नाम दर्ज बांटती थीं. लेकिन आज अचानक विभाग द्वारा निर्देश जारी किया गया कि बच्चों के परिजनों को मोबाइल पर एक ओटीपी भेजा गया है, वह ओटीपी नंबर सेविका अपने मोबाइल में दर्ज करेंगी उसके बाद ही राशन का वितरण करेंगी. लेकिन हम लोगों को इसके लिए कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है कि ओटीपी अपने मोबाइल में कैसे दर्ज करना है, इसलिए खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई जगह पर राशन नहीं बंट रहा है.


इधर, इस संबंध में मोहनिया सीडीपीओ नीरू बाला बताया कि आज दिन के ग्यारह बजे से निर्देश जारी हुआ है. मोबाइल के माध्यम से ही टीएचआर वितरण करना है. सभी सेविकाओं को मोबाइल से कैसे काम करना है इसका स्क्रीनशॉट कर उनके व्हाट्सएप पर भेजा जा रहा है. थोड़ी परेशानी हो रही है लेकिन वितरण हो जाएगा. वहीं, डीपीओ सविता कुमारी ने बताया कि सेविकाओं को ट्रेनिंग दिया गया है और आगे भी ट्रेनिंग दिया जाएगा जिससे कि उनको कोई परेशानी ना हो. हमारी टेक्निकल टीम उनके संपर्क में है और उन्हें जानकारी दी जा है.