(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार में पुलिसिंग को 'टाइट' करने की तैयारी में सरकार, अधिकारी से लेकर सिपाही तक को सौंपा टास्क
अगर गश्ती क्षेत्र में अपराध की कोई घटना घटती है और यह पाया जाता है कि दल द्वारा शिथिलता बरती गई है तो दल पर अपने उत्तरदायित्वों के प्रति उदासीनता बरतने के लिए आवश्यक अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
पटना: बिहार में बढ़ते आपराधिक घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए बिहार सरकार ने बुधवार को प्रदेश की पुलिस के लिए नया आदेश जारी किया है. बिहार पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग ने संयुक्त पत्र जारी कर अधिकारी से लेकर सिपाही रैंक तक के कर्मियों को टास्क सौंप दिया है, ताकि राज्य में प्रभावी पुलिसिंग हो सके.
नए आदेश में सार्वजनिक स्थलों पर फायरिंग, शस्त्र लहराना एवं धमकी देना, हत्या, डकैती, लूट, फिरौती हेतु अपहरण, रंगदारी, चेन/मोबाइल फोन छीनने संबंधी घटना, महिलाओं के विरूद्ध अपराध और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विरूद्ध अत्याचार के मामले को गंभीर अपराधी की श्रेणी में चिन्हित करते हुए मामले में अविलंब कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
गश्ती के लिए तैयार किया जाएगा रोस्टर
गंभीर अपराध के मामलों में कार्रवाई हुई या नहीं इसका अनुश्रवण राज्य मुख्यालय द्वारा किया जाएगा. वहीं, राज्य में अपराध नियंत्रण के लिए निरोधात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया गया है. इस बाबत प्रभावी गश्ती करने को कहा गया है. इसके लिए थानाध्यक्ष आवश्यकतानुसार वाहन, गश्ती दल और पैदल गश्ती दल की व्यवस्था करेंगे. प्रतिदिन थाना स्तर पर अगले 24 घंटे के लिए पैदल/वाहन गश्ती के लिए एक रोस्टर तैयार करेंगे. साथ ही ये सुनिश्चित करेंगे कि गश्ती दल निर्गत गश्ती रोस्टर के अनुसार संपूर्ण आरक्षी बल के साथ गश्ती के लिए प्रस्थान करें.
इसके अतिरिक्त थानाध्यक्ष द्वारा गश्ती का रूट निर्धारित किया जाएगा और गश्ती के लिए रवाना होने से पूर्व गश्ती दल के सदस्यों को गश्ती के दौरान किए जाने वाले कार्यों के बारे में ब्रीफिंग दिया जाएगा. एसएचओ उन्हें संवेदनशील स्थलों को चिन्हित करते हुए उन पर विशेष निगरानी के लिए निर्देशित करेंगे. गश्ती के दौरान गश्ती दल द्वारा असामाजिक तत्वों, संदिग्ध व्यक्तियों एवं अपराध में संलिप्त जमानत पर रिहा लोगों से पूछताछ की जाएगी.
इन पर विशेष ध्यान रखने का दिया निर्देश
ऐसा करने के साथ ही गंभीर कांड से संबंधित संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा किसी को धमकी की सूचना हो तो इस पर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. गश्ती दल द्वारा बाजारों में व्यापारियों और प्रतिष्ठान के लोगों से विधि व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्राप्त की जाएगी. वहीं, प्रत्येक गश्ती दल द्वारा एक डायरी सधारित की जाएगी, जिसमें गश्ती के दौरान उपरोक्त वर्णित कार्यों को अंकित किया जाएगा.
लापरवाही सामने आने पर होगी कार्रवाई
गश्ती दल के लौटने के बाद थानाध्यक्ष गश्ती दल के डायरी की समीक्षा करेंगे और डायरी को प्रति हस्ताक्षरित करेंगे. अगर गश्ती क्षेत्र में अपराध की कोई घटना घटती है और यह पाया जाता है कि गश्ती दल द्वारा शिथिलता बरती गई है तो गश्ती दल पर अपने उत्तरदायित्वों के प्रति उदासीनता बरतने के लिए आवश्यक अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. अगर गश्ती दल उपर्युक्त प्रक्रिया के अनुसार अपने क्षेत्र में उपलब्ध नहीं रहते हैं और कोई आपराधिक घटना घटती है तो पुलिस अधीक्षक द्वारा थानाध्यक्ष पर आवश्यक अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.
इधर, जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया गया है कि वे प्रत्येक सप्ताह विधि व्यवस्था एवं अपराध के उपर्युक्त बिन्दुओं की समीक्षा करें. साथ ही विशिष्ट रूप से त्वरित विचारण के मामले और जेल की गतिविधियों की समीक्षा करें.
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