पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) की ओर से शनिवार को नशा मुक्ति दिवस मनाया गया. इस मौके पर पटना के ज्ञान भवन में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने शराबबंदी पर अपनी एक स्कीम के बारे में फिर से याद दिलाई. नीतीश कुमार ने स्कीम की याद दिलाते हुए कहा कि 2018 में हमने सतत् जीवकोपार्जन योजना की शुरुआत की थी. इसके जरिए एक लाख रुपये की मदद की जाती है.
दरअसल, बिहार सरकार उसे पैसे देती है जो शराब बेचने का काम छोड़ते हैं. शराब ही नहीं बल्कि ताड़ी बेचने वाले को भी इस स्कीम का फायदा मिलता है. यानी वैसे लोग जो ताड़ी बेचते थे और वह अगर नीरा बना रहे हैं तो राज्य सरकार उन्हें एक लाख रुपये देती है. नीतीश कुमार ने शनिवार को इसी स्कीम की याद दिलाई. कहा कि असली धंधेबाज बाहर कहां निकलते हैं. वह तो दूसरे को बाहर भेजकर शराब बेचवाता है. अब गरीब लोगों को पकड़ने की जरूरत नहीं है.
ताकि दूसरा रोजगार कर सकें...
नीतीश कुमार ने कहा कि जो थोड़ा-बहुत शराब बेचते हैं, ताड़ी बेचते हैं, उनके लिए सरकार की यह स्कीम है. जो लोग शराब बेचना या ताड़ी बेचना बंद कर देते हैं उन्हें राज्य सरकार मदद करती है. रोजगार करने के लिए उन्हें एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं ताकि वे लोग दूसरा रोजगार कर सकें.
पहले मिलता था 60 हजार
बता दें कि शराबबंदी से पहले जो लोग शराब का कारोबार करते थे और दारूबंदी के बाद बेरोजगार हो गए उन्हें राज्य सरकार दूसरा रोजगार करने के लिए 60 हजार रुपये देती थी. इसके बाद 2018 से एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं.
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