Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों के लेकर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है. इस बार दीपावली में एक दिन तो वहीं छठ में तीन दिन स्कूल बंद रहेंगे. इसके पहले हर साल छोटी दीपावली से लेकर छठ के पारण के दिन तक छुट्टी दी जाती थी. अब इसको लेकर शिक्षक संघ ने विरोध करना शुरू कर दिया है. अवकाश में संशोधन करने की मांग की है. 


प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह का कहना है कि दिवाली में मात्र एक दिन 31 अक्टूबर को छुट्टी दी गई है. छठ में 7, 8 और 9 नवंबर को छुट्टी दी गई है. उन्होंने बताया कि देश की आजादी के बाद से 2023 तक शिक्षकों की छुट्टी धनतेरस को पढ़ाकर हो जाती थी. यानी छोटी दिवाली से लेकर छठ के पारण के दिन तक छुट्टी रहती थी. इस साल पहली बार शिक्षकों को सिर्फ दीपावली के दिन छुट्टी दी गई है. छठ में नहाय-खाय और खरना के दिन भी स्कूल खुला रहेगा. 


राजू सिंह ने कहा, "सरकार महिला उत्थान की बात करती है और बिहार सरकार के शिक्षा विभाग में करीब 60 फीसद महिला शिक्षक हैं. इनमें कई लोग छठ पर्व भी करते हैं. इसके अलावा इस बार जो बहाली हुई है और पूर्व से भी कई शिक्षक बिहार के बाहर दूसरे राज्यों के भी रहने वाले हैं. ऐसे में एक दिन की छुट्टी के लिए वह बिहार से बाहर कैसे जाएंगे?






बता दें कि इस बार 5 नवंबर से 8 नवंबर तक छठ है. 5 नवंबर को नहाय-खाय है तो 6 तारीख को खरना है. वहीं 7 तारीख को शाम का अर्घ्य है जबकि अगले दिन (8 नवंबर) शुक्रवार को सुबह का अर्घ्य होगा. बिहार सरकार की ओर से सिर्फ पहले अर्घ्य और दूसरे अर्घ्य के दिन के अलावा 9 नवंबर (शनिवार) को छुट्टी दी गई है. हालांकि स्कूल 7 नवंबर से 10 नवंबर तक चार दिन बंद रहेंगे. 10 नवंबर रविवार है.


केके पाठक ने किया था छुट्टी में संशोधन


एक शिक्षक ने बताया कि पिछले साल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव रहे केके पाठक ने छुट्टी में संशोधन किया था. हालांकि पिछले वर्ष यह छुट्टी मिली थी, लेकिन उसके बाद से उन्होंने यह संशोधन कर दिया था और उस पर नए अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने पुनर्विचार नहीं किया. इसके कारण इस बार हम लोगों की छुट्टी में कटौती की गई है. शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों को भी परेशानी होगी. जो शिक्षक छठ करते हैं उन्हें सीएल आदि लेना पड़ेगा या स्कूल आना पड़ेगा.


कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने उठाई आवाज


कांग्रेस नेता राजेश राठौर ने कहा कि बीजेपी कहती है कि वो सबसे बड़ा सनातनी है. सबको पता है कि बिहार के लोगों के लिए सबसे बड़ा पर्व छठ है. यह कम से कम चार दिनों का होता है. इसमें कम से कम सबको सात दिनों की आवश्यकता होती है इसलिए सरकार को छुट्टी देनी चाहिए. अगर मुख्यमंत्री ने नहीं दी तो बीजेपी को प्रतिकार करना चाहिए. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को प्रतिकार करना चाहिए. 


उधर छुट्टी बढ़ाने को लेकर अभी तक शिक्षा विभाग से कोई बड़ा अपडेट नहीं आया है. हालांकि अभी छठ में कुछ दिनों का वक्त है. अब देखना होगा कि इसको लेकर क्या सरकार की ओर से कोई पहल की जाती है या नहीं. या फिर शिक्षा विभाग इस पर क्या कुछ कदम उठाता है.


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