Prashant Kishor News: जन सुराज के पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर 70 वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दो जनवरी से पटना के गांधी मैदान में आमरण आंसर पर बैठे थे, लेकिन छह जनवरी को जिला प्रशासन ने उन्हें हटा दिया. हालांकि कहा जा रहा है कि अभी भी प्रशांत किशोर अनशन पर हैं और इस आंदोलन को तेज करने के लिए प्रशांत किशोर मरीन ड्राइव के किनारे एल सिटी घाट के पास निजी जमीन पर अपना एक बड़ा टेंट कैंप बनवा रहे थे, जिस पर शनिवार को जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है.


जनसुराज के नेता ने क्या कहा?


कैंप पर रोक लगा सदर एसडीओ की ओर से कहा गया है कि इस पर बगैर अनुमति के यहां कैंप बनाया जा रहा है. अब इस पर जनसुराज की ओर से कहा जा रहा है कि नीतीश सरकार प्रशांत किशोर के आंदोलन से डर गई है. जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्सौल के पूर्व विधायक रहे किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि यहां हमारी पार्टी की ओर से बड़ा कैंप बनाया जा रहा था. इसमें सत्याग्रह के लिए नहीं बल्कि प्रशांत किशोर जी गंगा किनारे कार्यकर्ताओं से मिलकर बात करने के लिए बिहार और बिहार के बाहर से आने वाले जन सुराज के समर्थकों को यहां ठहरने के लिए यह व्यवस्था की जा रही थी. इसके लिए हमने किसानों से एग्रीमेंट करवाया है.


किसानों ने हमें अनुमति पत्र दिया है, किसानों को पार्टी की ओर से फसल मुआवजा दिया गया है. क्योंकि यह जमीन किसानों की है. जब गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है तो यहां पानी होता है जब पानी निकलता है तो किसान इस पर खेती करते हैं तो यह जमीन तो किसान की है और हम लोग किसान से ही लिए हैं. फिर सरकार दावा कैसे कर रही है. जबकि यहां कोई अनशन करने की बात नहीं थी, या कोई सत्याग्रह करने का काम नहीं होने वाला था. जब यह बन जाता और प्रशांत किशोर यहां आकर सभा करते तब हम जिला प्रशासन को सूचना देते. अपनी निजी जमीन पर बनाने के लिए हम जिला प्रशासन को सूचना क्यों दें. अपनी जमीन पर घर बनाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति ली जाती है क्या?


उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि नीतीश कुमार इतने दबाव में हैं और प्रशांत किशोर और छात्र आंदोलन से इतने ज्यादा डर गए हैं कि प्रशांत किशोर उनको रात में भी भूत जैसे लगते हैं. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कह रहा है कि यह जमीन सरकार की है. मैं चुनौती देता हूं कि इतने दिनों से किसान इस पर खेती कैसे कर रहे हैं, फसल कैसे लग रहे हैं. वह फसल क्या सरकार लगवाती है. यह किसान खुद फसल लगा रहे हैं. उनका कब्जा है. जिला प्रशासन पूरी तरह गलत बात कर रही है. हमें तो साफ लग रहा है कि प्रशांत किशोर से सरकार पूरी तरह डर गई है.


 प्रशांत किशोर देंगे डीएम को पत्र 


पूर्व विधायक ने कहा, "एसडीओ साहब ने हमें कहा है कि परमिशन ले लीजिए तो हम लोग एक पत्र डीएम साहब को देने जा रहे हैं. अगर अनुमति नहीं मिलेगी तो आगे की कार्रवाई करेंगे .हमें लगता है कि प्रशांत किशोर को सरकार नजर बंद कर रही है. जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है उससे साफ लग रहा है कि उनको नजरबंद कर दिया जाएगा, लेकिन जितना वह नजरबंद करेंगे और जितना उनको दबाया जाएगा उतना ही बिहार के लोग उनसे जुड़ते जाएंगे और इस व्यवस्था से तंग आकर वह कुछ अलग सोचेंगे."


ये भी पढ़ेंः RJD के अपशब्द ट्वीट पर नितिन नवीन ने की संस्कार की बात, तेजस्वी यादव के माता-पिता का लिया नाम