पटना: श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में शुक्रवार को आयोजित शिक्षा दिवस 2022 समारोह को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने शिक्षकों के वेतन पर चर्चा की. इतना ही नहीं बल्कि शिक्षकों के वेतन बढ़ाने के साथ-साथ चेतावनी भी दी. हालांकि वेतन बढ़ाने के पीछे शर्त भी रखी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो टूक अंदाज में कहा कि जो शिक्षक नहीं पढ़ाते हैं उन्हें विद्यालय से बाहर कीजिए. जो शिक्षक पढ़ाते हैं सरकार उनका पैसा बढ़ाएगी.


'हम उनकी तनख्वाह भी बढ़ाएंगे'


सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में बिहार के बजट का 21 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा पर खर्च हो रहा. हम इसे 25 प्रतिशत करना चाहते हैं. शिक्षक बच्चों को ठीक से पढ़ाएं तो हम उनकी तनख्वाह भी बढ़ाएंगे. सब कुछ मोबाइल पर संभव नहीं है. पढ़ना-लिखना जरूरी है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा- "जब हमने देखा कि सबलोग मोबाइल पर फंस गए तो हमने मोबाइल छोड़ दिया."


इस मौके पर वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर भी मौजूद रहे. कहा कि सबसे पहले बिहार से 2007 में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई. 2008 से पूरे देश में आज की तारीख को शिक्षा दिवस के रूप में मनाई जाती है.


'शनिवार को नो बैग डे'


इससे पहले राज्यपाल फागू चौहान और सीएम नीतीश कुमार ने मौलाना आजाद की तस्‍वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की. सीएम नीतीश कुमार ने एक एप भी लांच किया. इसके साथ ही पुस्‍तक का विमोचन भी किया. इसी समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्कूलों में शनिवार को नो बैग योजना का शुभारंभ भी किया. मुख्यमंत्री ने स्वच्छ विद्यालय पोर्टल का भी शुभारंभ किया. शिक्षा दिवस पर श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मौलाना अबुल कलाम से जुड़ी किताबों के विभिन्न स्टॉलों का नीतीश कुमार ने निरीक्षण भी किया.


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