Valmiki Tiger Reserve: बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग मुंगेर रेंज में वन्यजीव अभ्यारण्य (Wildlife Sanctuary) विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है. मुंगेर (Munger) रेंज के मंडल वन अधिकारी नीरज नारायण (Neeraj Narayan) ने बताया कि इस जगह पर एक विस्तृत वन क्षेत्र है, जिसमें बड़ी संख्या में जानवर हैं. नारायण ने कहा कि जो लोग प्रकृति के पास रहना पसंद करते हैं, उनके लिए मुंगेर वन क्षेत्र एक आदर्श स्थान है. हालांकि, उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि यहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है. हम इस क्षेत्र में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए एक गुणवत्तापूर्ण पर्यावरण के अनुकूल पर्यटक परिसर विकसित करना चाहते हैं.


नारायण ने कहा कि वर्तमान में पर्यटक आम तौर पर नवंबर से फरवरी तक यहां आते हैं, क्योंकि मौसम ठंडा होता है. इस जगह में एक जल निकाय है, जो एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है. हम इसे विजिटर्स को एक अच्छा अनुभव प्रदान करने के लिए तैराकी क्षेत्र के रूप में विकसित करना चाहते हैं. मुंगेर वन सीमा एक छोर से लखी सराय और दूसरे छोर पर जमालपुर शहर तक फैली हुई है. 


वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पाए जाते हैं ये जानवर


वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के विपरीत, इसमें केवल मैदानी क्षेत्र शामिल हैं. मुंगेर मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों का एक संयोजन है. नारायण ने कहा कि हमने मुंगेर रेंज में बाघ, पैंथर या तेंदुए जैसे प्रमुख जानवरों की उपस्थिति की पूरी तरह से पुष्टि नहीं की है, लेकिन हम जानते हैं कि इसमें बड़ी संख्या में लकड़बग्घे, भालू, हिरण और अन्य जानवर हैं.


इस जगह में जंगल सफारी की सुविधा के साथ वन भंडार विकसित करने की काफी संभावनाएं हैं. हम वास्तविक वन आवरण का पता लगाने के लिए मुंगेर रेंज के सर्वेक्षण की योजना बना रहे हैं.


विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस बनाया जाएगा पर्यटक परिसर


उन्होंने विजिटर्स की सुरक्षा से संबंधित कुछ चुनौतियों की ओर इशारा किया, क्योंकि मुंगेर एक नक्सल प्रभावित जिला है. मुंगेर के अलावा, पर्यावरण और वन विभाग ने पश्चिम चंपारण जिले में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में एक पर्यटक परिसर बनाने की भी योजना बनाई है. विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ पर्यटक परिसर वीटीआर के मंगुराहा वन क्षेत्र में निर्धारित तीन एकड़ भूमि में फैला होगा. वीटीआर प्रशासन ने इस बारे में जिलाधिकारी कुंदन कुमार को लिखा है. वीटीआर के एक अधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से जमीन दिए जाने के बाद हम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की योजना बनाएंगे और इसे जिला प्रशासन को फंड की मंजूरी के लिए भेजेंगे.


राजगीर में जंगल सफारी को मिलेगा बढ़ावा


वीटीआर बिहार का एकमात्र बाघ अभयारण्य है, जो नेपाल और पश्चिम चंपारण के वन क्षेत्र से फैला हुआ है. इसमें पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जंगल सफारी, रास्ते, कौलेश्वर झूला, इको पार्क की काफी संभावनाएं हैं. इसके अलावा, इसमें जटाशंकर मंदिर, नार देवी मंदिर, मदनपुर देवी स्थान भी है. वर्तमान में, पर्यटक आमतौर पर सुबह के वक्त आते हैं और शाम तक चले जाते हैं. बिहार सरकार ने राजगीर में जंगल सफारी को भी बढ़ावा दिया है.


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