पटना: बिहार के नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बुधवार को रोजगार के मुद्दे पर बिहार सरकार को जमकर घेरा. सदन में उन्होंने सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने मनरेगा के तहत राज्य में गरीबों को मिलने वाले रोजगार के संबंध में सवाल किया था. हालांकि, ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मिले उत्तर से वे संतुष्ट नहीं हुए और उसे गलत बताते और तथ्य पेश करते हुए सदन में हंगामा किया.
विभाग के जवाब को बताया गलत
इस संबंध में आरजेडी की ओर से कहा गया कि नेता प्रतिपक्ष ने मनरेगा रोजगार से संबंधित सरकार से प्रश्न पूछा, जिसका उत्तर बिहार सरकार पूरी तरह से असत्य, मनगढ़ंत और फर्जी है. ऐसे में तेजस्वी ने सरकार के ही आंकड़ों से सबूत सहित सरकार के सफेद झूठ को उजागर कर दिया है.
बता दें कि सदन में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री अभी अपने अधिकारियों को बुलाकर हमें सामने बैठाकर उन्हें यह आंकड़ा दिखाएं. सरकार सदन में झूठ क्यों बोलती है. झूठे आंकड़े क्यों परोसती है? बिहार में कुल 45.67 लाख लोगों में मात्र 14,590 लोगों को ही 100 दिन मजदूरी करने का अवसर मिला और प्रति परिवार औसत श्रम दिवस 36.65 है.
रियल टाइम आंकड़ा किया शेयर
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि बिहार में टोटल 3 करोड़ 21 लाख 76 हजार 983 वर्कर्स हैं, जिसमें मात्र 29.42 प्रतिशत यानि 94 लाख 66 हजार 019 लोग ही एक्टिव हैं. बाकियों को सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है. बिहार में पूरे देश में सबसे कम मजदूरी दर मिलता है, जो की मात्र 197.92 रुपये हैं.
तेजस्वी ने कहा, " वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 1.53 करोड़ लोगों ने सरकार से रोजगार मांगा था. लेकिन आप कह रहे हैं कि 62 लाख 9 हजार लोगों ने काम मांगा और आपने 99.81 प्रतिशत लोगों को काम दे दिया. लेकिन आपका ही रियल टाइम डाटा कह रहा है कि केवल 45 लाख 67 हज़ार लोगों को ही काम मिला. कुल 2 करोड़ 36 लाख जॉब कार्ड्स हैं, जिसमें मात्र 80 लाख 88 हजार कार्ड्स ही एक्टिव हैं. यानि केवल 34.2 प्रतिशत जॉब कार्ड ही एक्टिव हैं. कुल 3 करोड़ 21 लाख 77 हजार मजदूर पंजीकृत हैं जिसमें मात्र 94 लाख 66 हज़ार Workers ही Active है यानि केवल 29.4 प्रतिशत एक्टिव वर्कर हैं."
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