बिहार सरकार राज्य के युवाओं को बनाएगी 'काबिल', IT क्षेत्र में आसानी से मिले नौकरी इसके लिए देगी ट्रेनिंग
मंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य के 149 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत बनाने के लिए टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है. इससे युवाओं को ट्रेंड करने में मदद मिलेगी.
पटना: बिहार में बेरोजगारी का मुद्दा उठा कर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही है. वहीं, युवा भी आए दिन सरकार से रोजगार की मांग करते दिखते हैं. ऐसे में राज्य में युवाओं को रोजगार देने के लिए बिहार सरकार ने टेक्नोलॉजी क्रांति की प्लानिंग की है. इस अभियान के तहत टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर करा कर सरकार युवाओं को रोजगार देने का प्रयास करेगी. इस बाबत बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग ने देश की अग्रणी संस्था टाटा टेक्नोलॉजी के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है.
23 नए प्रकार के कराए जाएंगे कोर्स
मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि टाटा टेक्नोलॉजी से समझौता के बाद बिहार सरकार प्रदेश के युवाओं को राज्य के सभी 149 आईटीआई कॉलेजों के अंदर 23 नए प्रकार के ट्रेड की पढ़ाई कराएगी. इस प्रशिक्षण को करने वाले युवाओं को रोजगार की समस्या नहीं होगी. उस क्षेत्र में सहजता के साथ रोजगार उपलब्ध होता है. अभी के समय में जिस तरह के रोजगार आ रहे हैं, उसके लिए ये मानव बल के रूप में काम करेंगे.
मंत्री ने कहा कि इस बाबत 28 दिसंबर, 2021 को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई थी. वहीं, अब टाटा टेक्नोलॉजी से समझौता पत्र पर साइन हो जाने के बाद कार्य में गति आएगी. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने राज्य के 149 सरकारी स्वामित्व वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को उन्नत बनाने के लिए वैश्विक इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है. इसके तहत दो चरणों में उच्च सामाजिक प्रभाव वाली परियोजनाओं को लागू करने और सरकार के राष्ट्र निर्माण के प्रयासों को पूरा करने के लिए विशेष पहल करते हुए उत्कृष्टता केंद्रों (CoE) को शामिल किया गया है.
इस परियोजना को लागू करने के लिए 20 वैश्विक उद्योग भागीदारों के साथ सहयोग करेगी. वहीं, प्रौद्योगिकी के उन्नत क्षेत्रों लिए अपने विनिर्माण डोमेन संबंधी अनुभव का लाभ उठाते हुए विशेष आईटीआई पाठ्यक्रम विकसित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाएगी. पहले चरण में, दिसम्बर 2022 तक कुल 60 केंद्रों को CoE में अपग्रेड किया जाएगा. शेष 89 केंद्रों को उन्नत बनाने का कार्य जनवरी 2023 में प्रारंभ किया जाएगा, जिसे 31 दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाएगा. इस परियोजना के तहत कुल खर्च 5436 करोड़ रुपये होंगे, जिसमें 12 प्रतिशत बिहार सरकार खर्च करेगी. जबकि 88 प्रतिशत टाटा टेक्नोलॉजी खर्च करेगी. भागीदारों के साथ 298 प्रशिक्षण कर्मियों को भी तैनात करेगी और उन्नत उपकरणों की सुविधा प्रदान करेगी.
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