महिलाओं को 'सशक्त' बनाने के लिए 200 करोड़ खर्च करेगी बिहार सरकार, नीतीश कैबिनेट का फैसला
कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य में एसटी/एससी और ओबीसी द्वारा उद्योग लगाए जाने पर सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. बिहार के नालंदा जिले के राजगीर नेचर सफारी में ओ.पी बनाने के फैसले पर भी मुहर लगी है.
पटना: सूबे की नीतीश सरकार राज्य की महिलाओं और बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए शुरू से कृतसंकल्पित है. महिलाओं को आरक्षण देने से लेकर बच्चियों को साइकिल और हायर एजुकेशन के लिए प्रोत्साहन राशि देने तक सरकार हर काम कर रही है. इसी क्रम में सरकार ने एक और बड़ा और अहम फैसला लिया है. बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में महिलाओं के बीच स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमी योजना की स्वीकृति दी है. इस योजना के तहत दो सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
कैबिनेट की बैठक में नौ एजेंडों पर लगी मुहर
साथ ही राज्य के युवाओं के बीच उद्यमिता और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना को भी स्वीकृति प्रदान की है. इस योजना के तहत भी वित्तीय वर्ष 2021-22 दो सौ करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. बता दें कि सोमवार को कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कुल नौ एजेंडों पर मुहर लगी, जिसमें से ये दोनों अहम एजेंडे हैं.
इन एजेंडों पर लगी मुहर
बैठक में ये फैसला लिया गया कि गाड़ियों का मनपंसद नम्बर लेने के लिए बिहार मोटरगाडी (यथासंशोधित) नियमावली, 1992 के नियम-64 के उपनियम 4 में संसोधन किया जाएगा. अब ऐसे अधिक नम्बर बेचने पर राज्य सरकार प्रोत्साहन राशि देगी. साथ ही बिहार आकस्मिकता निधि को आठ हजार सात सौ बत्तीस करोड़ दस लाख रुपये किया गया.
कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि राज्य में एसटी/एससी और ओबीसी द्वारा उद्योग लगाए जाने पर सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. बिहार के नालंदा जिले के राजगीर नेचर सफारी में ओ.पी बनाने के फैसले पर भी मुहर लगी है. नए ओपी के लिए 96 पदों का सृजन किया जाएगा.
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