पटना: बिहार के शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के खिलाफ राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर (Rajendra Arlekar) ने सख्ती दिखाई है. मंगलवार (09 जनवरी) को उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों और राजभवन के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं करना चाहिए. मंगलवार को विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात की.


कुलपतियों ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की ओर से उनके साथ किए जा रहे बर्ताव से अवगत कराया. उन्होंने राज्यपाल को बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर विश्वविद्यालयों के कार्यों में अनावश्यक हस्तक्षेप किया जा रहा है जिससे शैक्षणिक एवं अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.


राज्यपाल ने कुलपतियों को दिया आश्वासन


राज्यपाल से मुलाकात के दौरान कुलपतियों ने शिक्षा विभाग से जुड़ी अन्य परेशानियों एवं विश्वविद्यालय की समस्याओं से भी उन्हें अवगत कराया. इस पर  राज्यपाल ने कुलपतियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए समुचित कार्रवाई का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को विश्वविद्यालयों एवं राजभवन के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करना चाहिए.


चर्चा में है बिहार का शिक्षा विभाग


बता दें कि जब से केके पाठक ने शिक्षा विभाग की कमान संभाली है तब से ही अलग-अलग फैसलों को लेकर चर्चा है. पिछले साल (2023) दिसंबर में राज्यपाल से एमएलसी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था. शिक्षा विभाग के खिलाफ शिकायत की थी. राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा था.


बिहार राजभवन ने दिसंबर में ही राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को पत्र भेजा था. हाल के दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा पारित असंवैधानिक और निरंकुश आदेशों के खिलाफ तत्काल सुधारात्मक उपाय करने के लिए कहा था. राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू की ओर से लिखे गए उक्त पत्र के अनुसार राजेंद्र आर्लेकर ने विचार व्यक्त किया था कि विभाग इस तरह के आदेश पारित करके राज्य में शैक्षणिक माहौल को नष्ट करने पर तुला है.


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