Bihar News: 'सत्याग्रह की वजह से नहीं, हथियार देखकर भागे थे अंग्रेज', स्वतंत्रता की लड़ाई पर बिहार के राज्यपाल का बड़ा दावा
Rajendra Vishwanath Arlekar: राज्यपाल ने कहा कि हमारा स्वतंत्रता आंदोलन 'बिना खड्ग बिना ढाल' के नहीं था. जब कई लोगों ने हथियार हाथ में उठाए तब जाकर ब्रिटिश को सोचना पड़ा कि यहां रहना है कि नहीं.
Rajendra Vishwanath Arlekar Big Statement: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) ने शनिवार (21 दिसंबर) को स्वतंत्रता की लड़ाई पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गांधी के सत्याग्रह की उपलब्धि को सिरे से नकार दिया और कहा कि अंग्रेज सत्याग्रह की वजह से नहीं बल्कि हथियार देखकर भागे थे. उन्होंने गोवा में आज ब्रिटिश संसद के पूर्व सांसदों और भारत की आजादी को लकेर ब्रिटिश पार्लियामेंट में हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए कहा कि देश का स्वतंत्रता आंदोलन किसी एक भाग में नहीं था. ये पूरे देश का स्वतंत्रता आंदोलन था.
अजादी का लड़ाई को लेकर आर्लेकर ने क्या कहा?
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि हमारा स्वतंत्रता आंदोलन 'बिना खड्ग बिना ढाल' के नहीं था. जब कई लोगों ने हथियार हाथ में उठाए तब जाकर ब्रिटिश को सोचना पड़ा कि यहां रहना है कि नहीं, खड्ग भी नहींं थी ढाल भी नहीं थी और हम सत्याग्रह भी कर रहे थे, इसलिए अंग्रेज भाग गए ऐसा नहीं है. जब अंग्रेजी हुकूमत ने देखा कि इन लोगों के हाथ में बंदूके हैं. तब उन्होंने विमर्श किया कि यह किसी भी हद तक आजादी के लिए जा सकते हैं. ब्रिटिश पार्लियामेंट में जब चर्चा और विमर्श हो रहा था इंडिपेंडेंस एक्ट के ऊपर उस समय के उनके भाषण को हम सभी को पढ़ना चाहिए. वहां ब्रिटिश पार्लियामेंट में उनके एमपी क्या कह रहे थे?
बिहार के राज्यपाल ने कहा "उन्होंने हमारे सत्याग्रह और आंदोलन को कहीं भी मेंशन नहीं किया. पार्लियामेंट के अंदर ब्रिटिश एमपी ने यह भाषण दिया है कि भारत की आजादी की लड़ाई में कई ब्रिटिश अधिकारियों की जान गई. बिना खड्ग और बिना ढाल के यह आजादी मुमकिन नहीं थी. यह मुमकिन तभी हो सकी जब हमारे लीडर्स और हमारी जनता जिन्होंने अपना सब कुछ देश के लिए न्योछावर किया. उनकी बदौलत हासिल हुई यह हमारी आजादी है. हिस्ट्री जो है उसे हमें पढ़ना चाहिए ना कि हम वह पढ़ें, जो मुगल, थापड़ और इरफान हबीब का इतिहास है.
वहीं गोवा के पुर्तगाली आक्रमण का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि इतिहास के बारे में बिना किसी डर के सही परिप्रेक्ष्य पेश किया जाए. उन्होंने बिना नाम लिए पिछली कांग्रेस सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए. राज्यपाल ने कहा, 'भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) ने एक कहानी गढ़ी थी कि आप गुलाम बनने के लिए पैदा हुए हैं और तत्कालीन सरकार ने भी इसका समर्थन किया था.' उन्होंने कहा, 'हमें बिना किसी डर के अपनी बात कहनी चाहिए. हम पर हमला करने वाले कभी हमारे नहीं हो सकते. इसलिए हमें अपनी बात सबके सामने रखनी चाहिए.'
गोवा में कई पदों पर कर चुके हैं काम
बता दें कि राजेंद्र आर्लेकर बिहार के वर्तमान और 29वें राज्यपाल हैं. उन्होंने सबसे पहले हिमाचल प्रदेश के 21वें राज्यपाल के रूप में कार्य किया, वे गोवा से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में सेवा करने वाले पहले व्यक्ति थे. आर्लेकर गोवा सरकार में कैबिनेट मंत्री और गोवा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष थे. आर्लेकर बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं. वे 1989 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए. 1980 के दशक से गोवा भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे हैं. उन्होंने गोवा प्रदेश के महासचिव, गोवा औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष, गोवा राज्य अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग वित्तीय विकास निगम के अध्यक्ष जैसे कई पदों पर काम किया है.
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