बांका: बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Rajendra Vishwanath Arlekar) एवं केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) सहित कई खास लोग आज शुक्रवार को बांका के बौंसी और बाराहाट थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित ऐतिहासिक मंदार आ रहे हैं. इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर सारी तैयारी पूरी कर ली गई है. श्रीराम कर्मभूमि न्यास सिद्धाश्रम की ओर से मंदारेश्वर काशी विश्वनाथ महातीर्थ क्षेत्र संस्थान मंदार द्वारा श्री श्री 108 मंदार पर्वत अधिष्ठित विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार एवं मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास होना है.
मंदार काशी विश्वनाथ मंदिर के नवनिर्माण में सीमेंट और सरिया का प्रयोग नहीं होगा बल्कि सिर्फ पत्थरों का प्रयोग किया जाएगा. इस मंदिर का निर्माण दक्षिण भारत के मंदिर के मॉडल के तर्ज पर किया जाएगा जिसके डीपीआर को तैयार किया जा रहा है. इस मंदिर का निर्माण दो फेज में किया जाएगा. प्रथम फेज में मंदिर का निर्माण होगा. दूसरे फेज में सौंदर्यीकरण, कॉरिडोर, पर्वत की घेराबंदी का निर्माण किया जाएगा.
चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती
राज्यपाल के आगमन को लेकर सारी प्रशासनिक तैयारी पूरी कर ली गई है. मंदार के तराई में स्थित अद्वैत मिशन स्कूल प्रांगण के मैदान में हेलीपैड बनाया गया है. वहीं चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. बिहार के राज्यपाल शुक्रवार को दिन के 10 बजे से दोपहर एक बजे तक बांका में रहेंगे. वे काशी विश्वनाथ मंदिर के भूमि पूजन व शिलान्यास के साथ ही मंदार दर्शन का आनंद लेंगे.
इस दौरान राज्यपाल के साथ मुख्य रूप से केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण, उपभोक्ता मामले एवं वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के जल संसाधन मंत्री जयंत राज, बांका की पूर्व सांसद पुतुल देवी, पूर्व मंत्री रामनारायण मंडल के अलावा श्रीराम कर्मभूमि न्यास सिद्धाश्रम के संस्थापक संरक्षक जगतगुरु पद्मविभूषण स्वामी रामभद्राचार्य, सह संस्थापक संरक्षक स्वामी अनंताचार्य, शिव शक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर स्वामी आगमानंद सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहेंगे.
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे सहित अन्य के मंदार आगमन को देखते हुए यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के उद्देश्य से सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक भागलपुर-दुमका मुख्य सड़क मार्ग से जाने वाले बड़े और भारी वाहनों का परिचालन दूसरे रास्ते से होगा. इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारी की है.
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