पटना: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन (I.N.D.I.A Alliance) में अब सीट शेयरिंग को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. ऐसा लग रहा है कि जनवरी में ही सीट शेयरिंग को लेकर सब कुछ तय हो जाएगा. कांग्रेस के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पूरे देश में कांग्रेस लगभग 320 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. ऐसे में जब सीट की बात हो तो बिहार महत्वपूर्ण हो जाता है कि यहां महागठबंधन में कैसे सीटों का बंटवारा होगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar), आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और कांग्रेस के साथ वाम दल को कितनी सीटें मिलेंगी? महागठबंधन एक साथ चुनाव लड़ता है तो किसे नुकसान या फायदा हो सकता है? आंकड़ों से पूरे गणित को समझें.
सबसे पहले यह जान लें कि कांग्रेस जिन 9 राज्यों में सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारा करेगी उनमें बिहार, दिल्ली, यूपी, झारखंड, बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और जम्मू कश्मीर शामिल है. सूत्रों के अनुसार बिहार की 40 सीटों में कांग्रेस चार पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि दो सीट वाम दल को दिया जाएगा. बाकी बची 34 सीटों में 17 आरजेडी और 17 पर जेडीयू लड़ेगी.
अब समझें क्या कहता है पूरा गणित
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आरजेडी एक साथ थी जबकि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ एनडीए में शामिल थे. 2019 में जेडीयू 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 16 सीट जीत गई थी. 2014 की अपेक्षा नीतीश कुमार को 2019 में 14 सीट की बढ़ोतरी हुई थी साथ ही 6.01% वोट की वृद्धि हुई थी. 2019 में जेडीयू को 21.81 % वोट प्राप्त हुआ था जबकि लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी लेकिन 2014 के मुकाबले 2019 में काफी कम वोट प्रतिशत की गिरावट हुई थी, आरजेडी को 15.36 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि आरजेडी के जो कोर वोट हैं उसमें गिरावट नहीं हुई थी. अगर वह बरकरार रहा तो 2024 में महागठबंधन काफी मजबूती स्थिति में दिख सकता है.
बीजेपी का क्या हाल रहा था?
आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी को 2014 की अपेक्षा 2019 में वोट प्रतिशत में काफी नुकसान हुआ था. बीजेपी को 2019 में 23.58% वोट प्राप्त हुए थे जबकि 2014 में 5.83% वोट का नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा था. हालांकि 2014 में बीजेपी 31 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 22 सीट जीतकर आई थी. 2019 में जेडीयू के साथ होने के कारण 17 सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ी थी और सभी सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
वहीं बात कांग्रेस की करें तो खास फर्क नहीं पड़ा था. 2019 में कांग्रेस को मात्र 0.70% वोट को नुकसान उठाना पड़ा था. 2019 में कांग्रेस को एक सीट किशनगंज में जीत हासिल हुई थी और 7.70% वोट प्राप्त हुए थे, जबकि 2014 में कांग्रेस दो सीटों पर चुनाव जीती थी और 8.40% वोट प्राप्त हुए थे. इसके साथ ही एक सीट का नुकसान भी कांग्रेस को उठाना पड़ा था. 2014 में कांग्रेस दो सीट जीतकर आई थी, ऐसे में 2019 के वोट प्रतिशत के आंकड़ों की बात करें तो इंडिया गठबंधन और एनडीए में कांटे की टक्कर हो सकती है.
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