नवादा: बिहार में लगातार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर दावा किया जाता है लेकिन नवादा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. नवादा से आई तस्वीर आपको हैरान कर देगी. मंगलवार को रजौली स्वास्थ्य केंद्र में 25 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया. इसके बाद मरीजों को बेड तक नसीब नहीं हुआ. ठंड में फर्श पर ही जानवरों की तरह छोड़ दिया गया. व्यवस्था देखकर बिहार के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी शर्मा जाएं.
मंगलवार को कुल 25 महिलाओं का बंध्याकरण हुआ जिसमें से 12 लोगों को बेड नहीं मिला. मरीज के परिजन ने बताया कि ऑपरेशन के बाद स्वास्थ्य केंद्र के एक कमरे में सबको फर्श पर ही लेटने के लिए कह दिया गया. लोगों का यह भी कहना था कि ऑपरेशन के बाद इनकी देखरेख के लिए स्वास्थ्य केंद्र का एक भी कर्मी उपस्थित नहीं था. एक घंटे बिना किसी स्टाफ के अस्पताल में मरीजों को छोड़ दिया गया था.
डॉक्टर ने क्या कहा?
इस मामले में डॉ. श्याम नंदन ने बताया कि 25 महिलाओं का ऑपरेशन किया गया था. सुबह में उनकी ड्यूटी थी. ड्यूटी के बाद वह सीधा अपने रूम पर चले गए. अचानक उन्हें आठ बजे फोन आया कि कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आया है. मरीजों की संख्या बढ़ गई है और लोगों को परेशानी हो रही है. रोस्टर के अनुसार आठ बजे रात में डॉक्टर सतीश कुमार चंद्रा की ड्यूटी थी लेकिन वह नहीं आए थे. इसके बाद उन्हें ही दोबारा अस्पताल आना पड़ा.
डॉक्टर के बयान से सामने आई लापरवाही
डॉ. श्याम नंदन के बयान से यह बात सामने आ गई कि स्वास्थ्य केंद्र पर कहीं न कहीं लापरवाही बरती गई है. रोस्टर में डॉक्टर की ड्यूटी थी लेकिन बिना किसी सूचना के वो गायब थे. हालांकि मरीजों को फर्श पर लेटाने के मामले में किसी ने कुछ नहीं कहा. इधर, स्वास्थ्य केंद्र में इस तरह की लापरवाही से लोग भी नाराज दिखे.