बिहार: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय बोले- कोरोना के आंकड़े सबके सामने, सावधान रहने की है जरूरत
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने के संबंध में मंगल पांडेय ने कहा कि ये निश्चित रूप से बड़ी चुनौती है. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात परिश्रम कर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं. इस दौरान वो स्वयं भी संक्रमित हो रहे हैं. इसके बावजूद वे लोगों को सेवा कर रहे हैं.
पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिनों में संक्रमण का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. ऐसे में हमें सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है. आंकड़े हम सभी के सामने हैं. सरकार की तरफ से मौजूदा समय में जो भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं हैं, वो मुहैया कराई जा रही हैं. उन्होंने कहा, " हमारा प्रयास भी यही है कि हम आवश्यकता अनुसार हर जरूरी स्वास्थ्य सेवा मुहैया कर सकें."
ऑक्सीजन की कमी को लेकर कही ये बात
बिहार में ऑक्सीजन की कमी के सवाल पर उन्होंने कहा कि कोरोना के उपचार में जो भी आवश्यक चीजों की जरूरत है, उसकी हम लोग आपूर्ति करने की कोशिश कर रहे हैं. चाहे वह ऑक्सीजन हो, रेमडिसीवीर हो या अन्य जरूरी दवाइयां हों. सभी की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है. इसके लिए कई प्रयास किए गए हैं. टैंकर की संख्या बढ़ाने के साथ ही, राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन के भंडारण के लिए अतिरिक्त व्यवस्था का निर्माण हो रहा है. अभी स्थिति बहुत हद तक कंट्रोल में है.
आंकड़ा बता पाना मुश्किल
राज्य में ऑक्सीजन की डिमांड और सप्लाई के संबंध में उन्होंने इस बारे में निश्चित तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता. चूंकि रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, ऐसे में ये रोज बदलता है. इसलिए कोई एक आंकड़ा बता पाना संभव नहीं है. लेकिन जो भी आवश्यकता है, उसकी हम आपूर्ति करने का प्रयास कर रहे हैं.
एनएमसीएच में हैं पर्याप्त बेड
सरकारी अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि एनएमसीएच में पर्याप्त बेड हैं. इसके अलावा राजेंद्र नगर आई हॉस्पिटल में एक-दो दिनों में 100 बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी. आईजीआईएमएस के अंदर पहले से जो व्यवस्था बनी हुई है, उसके अतिरिक्त 75 से 100 बेड की सेवा शुरू की जाएगी. जहां-जहां बेड बढ़ाने की संभावना है, वहां-वहां हम लोग काम कर रहे हैं.
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के संक्रमित होने के संबंध में उन्होंने कहा कि ये निश्चित रूप से बड़ी चुनौती है. डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात परिश्रम कर लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं. इस दौरान वो स्वयं भी संक्रमित हो रहे हैं. इसके बावजूद वे लोगों को सेवा कर रहे हैं. हम सभी के लिए ये समय बहुत ही कठिन और चुनौतीपूर्ण है. उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में देने की घोषणा की है.
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