गया: 'इमरजेंसी के वक्त मरीजों को ढोने वाली गाड़ी को एंबुलेंस कहते हैं.' एंबुलेंस के संबंध में सबको यही पता है. लेकिन बिहार के गया में ये परिभाषा बदल गई है. यहां एंबुलेंस को मालवाहक वाहन बना दिया गया है, जिसका उपयोग जय प्रकाश नारायण अस्पताल स्थित सेंट्रल दवा स्टोर से दवा, ऑक्सीजन सिलेंडर आदि सामग्रियों को ढोने के लिए किया जाता है. जिले के अमूमन सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एंबुलेंस का यही हाल है.


एजेंसी मालिक ने की थी शिकायत


बता दें कि जिले में 102 सरकारी एंबुलेंस सेवा का संचालन PPP मोड पर संचालित है. इसका संचालन कॉन्सट्रीयम ऑफ पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड और सम्मान फाउंडेशन एजेंसी द्वारा किया जा रहा है. एजेंसी ने 13 मई, 2021 को स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिख कर शिकायत की थी, कि एंबुलेंस से ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाओं के कार्टन, कुर्सी आदि सामग्रियों की ढुलाई की जा रही है. इसे मालवाहक वाहन की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे वाहन में रखे जीवन रक्षक उपकरणों की क्षति हो रही है.


कार्रवाई का दिया था आदेश


राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने 21 मई, 2021 को जिले के सिविल सर्जन और डीएम को पत्र के माध्यम से इसकी जानकारी दी थी. इसके बाबजूद अब कोई कार्रवाई नहीं हुई है. एंबुलेंस से सामान ढोने का काम जारी है. बता दें कि हर प्रखंड में मरीजों को ढोने के लिए एक-एक एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है. ऐसे में सामान ढुलाई में लगे होने की वजह से कई बार मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. 


सिविल सर्जन ने कही ये बात


इस संबंध में गया के सिविल सर्जन डॉ. कमल किशोर राय ने बताया कि एंबुलेंस से सिर्फ मरीजों को लाने और लेकर जाने का प्रावधान है. इसके अलावा उससे और कोई काम नहीं किया जा सकता. अगर किसी अन्य कार्यों के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी कि आखिर किसके आदेश पर एंबुलेंस से दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर को ढोया जा रहा है.


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