आरा: देश भर में कोरोना संक्रमण ने फिर एक बार पांव पसारना शुरू कर दिया है. देश के कई राज्यों में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या में बीते कुछ दिनों में वृद्धि दर्ज की गई है. ऐसे में बिहार में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने होली के अवसर पर दूसरे राज्यों से आने वाले सभी लोगों का कोरोना टेस्ट करने का निर्देश दिया है. लेकिन, आरा रेलवे स्टेशन पर रात के समय ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को कोरोना टेस्ट के बिना ही घर भेजा जा रहा है.


दरअसल, होली के अवसर पर मुंबई, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश और दक्षिण भारत के राज्यों में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में आरा पहुंच रहे हैं. इन राज्यों में कोरोना का कहर सबसे अधिक है. फिर भी भोजपुर जिला प्रशासन लापरवाह दिख रही है. बता दें कि आरा रेवले स्टेशन पर भोजपुर जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से मुफ्त कोरोना टेस्टिंग की व्यवस्था कराई गई है.


इस काम के लिए रेवले स्टेशन परिसर में टेबल-कुर्सी और बैनर भी लगाए गए हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि उस टेबल-कुर्सी पर बैठकर पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं. वहां स्वास्थ्य विभाग का कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं है, जिन्हें कोरोना टेस्टिंग की जिम्मेदारी दी गई है. विभाग की उदासीनता का आलम ये है कि कोरोना जांच तो दूर की बात है, यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग तक नहीं की जा रही है.


बीती रात तकरीबन 1:15 बजे पुणे से चलकर दानापुर जाने वाली 02149 पुणे-पटना एक्सप्रेस ट्रेन आरा स्टेशन पर पहुंची. इस ट्रेन से सैकड़ों लोग आरा स्टेशन पर उतरे. लेकिन किसी भी यात्री की कोविड टेस्टिंग या थर्मल स्क्रीनिंग नहीं की गई.


गौरतलब है कि बिहार में बाहर से आने वाले लोगों में संक्रमण मिलना शुरू हो गया है. पिछले ही दिनों गया रेलवे स्टेशन पर रैंडम जांच में मुंबई और पंजाब से आने वाले लोग संक्रमित पाए गए थे. कुछ जिलों को छोड़ दिया जाए तो बिहार के 38 में से 34 जिलों में कोरोना के एक्टिव मरीज हैं. भोजपुर जिले में अबतक 5134 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं, जिनमें से 48 लोगों की मौत भी हो चुकी है. जिले में फिर एक बार एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है, लेकिन फिर भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग महामारी को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं दिख रही है.