सुपौल: बिहार के सरकारी अस्पतालों से अक्सर खबरें आती हैं कि मरीज को एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिली या एंबुलेंस के चलते मरीज की जान चली गई. इन सबके बीच हैरान करने वाली खबर है कि सरकारी एंबुलेंस से स्वास्थ्यकर्मी मृत्युभोज खाने के लिए जाते हैं. पूरा मामला बिहार के सुपौल से सामने आया है. इस मामले में बुधवार (23 अगस्त) को बसंतपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अर्जुन चौधरी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है.


सुपौल के बसंतपुर पीएचसी में तैनात एंबुलेंस बीआर 01पीएन 8309 के ईएमटी मनीष कुमार झा के एक रिश्तेदार का देहांत हो गया था. इसके बाद बीते तीन दिनों से पीएचसी के डेढ़ दर्जन से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी रोज रात में भोज खाने के लिए एंबुलेंस से ही जा रहे थे. मंगलवार (22 अगस्त) की रात स्थानीय आशीष देव ने इसकी शिकायत सुपौल के डीएम से कर दी.


हिरासत में लिए गए एंबुलेंस चालक और ईएमटी


शिकायत के बाद मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने एंबुलेंस चालक मिथुन कुमार और ईएमटी मनीष कुमार झा को हिरासत में ले लिया. इसके बाद बुधवार की दोपहर बसंतपुर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अर्जुन चौधरी की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई. इस लापरवाही ने बड़े सवाल खड़े किए हैं. अगर उसी वक्त कोई बड़ी अनहोनी हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता?


बसंतपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अर्जुन चौधरी ने बीरपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में बताया है कि एंबुलेंस चालक और ईएमटी बिना किसी सूचना के ही सरकारी एंबुलेंस का प्रयोग निजी कार्य के लिए कर रहे थे. इसकी वजह से पीएचसी में कार्य भी बाधित हुआ है. पुलिस से दोनों के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया है. बीरपुर थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह ने बताया कि दोनों एंबुलेंस कर्मियों को हिरासत में लिया गया था. मामले में 5 साल से कम की सजा का प्रावधान है. कोर्ट से बंधपत्र के आधार पर छोड़ दिया गया है.


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