(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
खेत में लावारिश पड़ी शराब की बोतलों को घर ले आए बच्चे, परिजनों से छिपकर सभी ने की पार्टी, फिर...
पांच बच्चे किसी काम से एक साथ सिंघिया चौर गए थे, जहां उन्हें खेत में फेंकी हुई शराब की बोतलें मिलीं. शराब की बोतल देख सभी ने पार्टी मनाने की सोच से उसे उठा लिया और घर आकर उसका सेवन किया.
समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर जिले में जहरीली शराब पीने से नाबालिग की मौत हो गई. घटना जिले के पटोरी थाना क्षेत्र की है, जहां सिंघिया चौर में घूमने गए पांच दोस्तों को शराब की बोतलें मिली थीं. ऐसे में उन्होंने पुलिस को सूचना देने के बदले शराब की पार्टी शुरू कर दी. हालांकि, इसके कुछ देर बाद ही सभी बीमार पड़ने लगे. ऐसे में आनन-फानन परिजनों ने निजी अस्पताल में इलाज के बाद चार लोगों को पीएमसीएच में भर्ती कराया.
वहीं, एक युवक को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें दरभंगा डीएमसीएच भेजा गया है. हालांकि, सोमवार को पटना में भर्ती उत्तरी धमौन निवासी शख्स के 15 साल के बेटे सोनू (काल्पनिक नाम) की इलाज के दौरान मौत हो गई. जबकि शेष की स्थिति गंभीर बनी हुई है. इसके साथ ही पटोरी शराब कांड में मरने वालों की संख्या सात हो गई है.
एसपी ने कही ये बात
इधर, घटना के संबंध में एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि चौर में नहीं बच्चों ने घर पर ही शराब खरीद कर पी थी. पटना में नाबालिग की मौत की जानकारी उनके पास नहीं है. उन्होंने कहा कि शराब कांड में मुख्य सप्लायरों की गिरफ्तारी पुलिस का मुख्य उद्देश्य है. ताकि शराब के पूरे रैकेट को खत्म किया जा सके. पुलिस की टीम इस पर काम कर रही है.
मिली जानकारी अनुसार शनिवार की दोपहर उत्तरी धमौन गांव निवासी पांच बच्चे किसी काम से एक साथ सिंघिया चौर गए थे, जहां उन्हें खेत में फेंकी हुई शराब की बोतलें मिलीं. शराब की बोतल देख सभी ने पार्टी मनाने की सोच से उसे उठा लिया और घर के करीब ले आए. घर के लोगों से छिपाकर सभी ने शराब का सेवन किया. शराब पीने के कुछ देर बाद ही पांचों बीमार पड़ने लगे. देखते-देखते पांचों के आंखों की रोशनी कम होने लगी. उल्टी, पेट दर्द और कमजोरी होने पर परिजनों को शंका हुई.
चार बच्चों की स्थिति नाजुक
सोनू (काल्पनिक नाम) के परिवार वाले उसे लेकर पटना गए, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई. उधर, अन्य चार बच्चों की भी स्थिति नाजुक बनी हुई है. बताते चलें कि रूपौल कांड के मुख्य आरोपी अभिलाख राय के घर के पास शराब की बोतलें फेंकी हुई थीं. माना जा रहा है कि पुलिसिया दबिश के बाद शराब को चौर में फेंका गया था, जो युवकों को मिल गई. युवकों ने फ्री में मिली शराब देख रूपौली कांड को भूल कर शराब पीना शुरू कर दिया, जिसका वे परिणाम भुगत रहे हैं.
बता दें कि जिले में जहरीली शराब के सेवन का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. सोमवार को दलसिंहसराय थाना क्षेत्र के सीमावर्ती बेगूसराय जिला के मंसूरचक गांव निवासी सुनील कुमार जहरीली शराब के शिकार हो गए. उन्हें परिवार वालों ने सदर अस्पताल में भर्ती कराया है. उनके आंखों की रोशनी चली गई है. उल्टी व पेट दर्द से स्थिति गंभीर बनी हुई है. सदर अस्पताल से डॉक्टरों ने उन्हें डीएमसीएच रेफर कर दिया है. बेहोशी की स्थिति के कारण यह जानकारी नहीं मिल सकी है कि सुनील ने शराब कहां से खरीदी थी. एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है.
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