East Champaran Toxic Liquor Deaths: बिहार के पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में जहरीली शराब (Toxic Liquor Tragedy) त्रासदी में अब तक 22 लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच इस मुद्दे पर राज्य में सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.


हालांकि, सरकार इस मामले को लेकर काफी सख्त नजर आ रही है. सरकार ने इस संबंध में दो पुलिस अधिकारी और नौ चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही शराब तस्करी से जुड़े 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. भारतीय जनता पार्टी ने इस त्रासदी को सामूहिक हत्या करार देते हुए मामले में विस्तृत जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से संपर्क करने का ऐलान किया है. 


अवैध शराब कारोबार से जुड़े 80 लोग गिरफ्तार


जिले में संदिग्ध जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है. हालांकि, जिला पुलिस की ओर से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार, कम से कम 29 लोगों का सदर अस्पताल और जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है. बयान में कहा गया है कि चार मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है. जिला पुलिस ने इस त्रासदी को लेकर अब तक पांच मामले दर्ज किए हैं और मामले में आगे की जांच कर रही है. इस संबंध में शराब के अवैध कारोबार में शामिल 60 लोगों सहित कुल 80 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है.


इन्हें किया गया निलंबित


इसके साथ ही दो पुलिस अधिकारी और 9 चौकीदारों को निलंबित क्या जा चुका है. निलंबित किए गए 11 पुलिसकर्मियों में आरक्षी निरीक्षक शिवाजी सिंह एवं सदर अनुमंडलीय सहायक आरक्षी निरीक्षक उमेश पाठक तथा हरसिद्धि, पहाड़पुर, सुगौली, तुरकौलिया एवं रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के कुल नौ चौकीदार शामिल हैं. शिवाजी सिंह और उमेश पाठक शराब रोधी कार्य बल (एएलटीएफ) के प्रभारी के रूप में तैनात थे. नाम नहीं छापने की शर्त पर जिला पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में इन सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है.


भारी मात्रा में नकली शराब जब्त


पुलिस ने पिछले 24 घंटे के दौरान जिला मुख्यालय मोतिहारी के विभिन्न हिस्सों में 600 से अधिक स्थानों पर तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकली शराब और अन्य संबंधित रसायनों को भी जब्त किया है, जिसमें 370 लीटर देसी शराब और 50 लीटर कच्चा स्प्रीट बरामद किया गया है. इसके साथ ही 1150 लीटर अर्धनिर्मित शराब नष्ट किया गया है. 


विपक्ष ने लगाया मौत का आंकड़ा छिपाने का आरोप


बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि मैंने अपनी पार्टी के नेताओं के साथ सुगौली और पहाड़पुर का दौरा किया. ये वो गांव हैं, जहां सबसे ज्यादा मौतें हुईं. हमने पाया कि शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या को जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा छुपाया जा रहा है. कुछ जगहों पर पुलिस की ओर से मामले ही दर्ज नहीं किए गए, क्योंकि पोस्टमार्टम नहीं किया जा सका. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से राज्य प्रायोजित सामूहिक हत्याकांड है. 


आरोपियों को बचाने का भी लगाया आरोप


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार शराब माफियाओं का बचाव कर रही है, क्योंकि वे जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े हैं. राज्य के पूर्व भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने सिन्हा की बात का समर्थन करते हुए कहा हमें पता चला है कि जहरीली शराब के सेवन से परिवार के सदस्यों की मौत होने पर भी प्रभावित परिवारों ने पुलिस को सूचित करने से बचने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि ऐसा अधिकारियों को मामले की रिपोर्ट करने के कानूनी परिणामों के कथित डर की वजह से हुआ, क्योंकि ज्यादा तर मृतक अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं. उन्होंने कहा कि हम विस्तृत जांच के लिए एनएचआरसी और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से संपर्क करेंगे. 


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