बिहार: गया के इस मठ में ठंड आते ही देवी-देवताओं को पहनाया जाता है ऊनी वस्त्र, गर्म दूध का चढ़ता है प्रसाद
मठ के पुजारी का कहना है कि ऐसी परम्परा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. यहां गर्मी के दिनों में एसी चलाया जाता है और ठंड के दिनों में शाम होते ही भगवान को कम्बल और स्वेटर पहनाया जाता है.
गया: बिहार के गया के जीबी रोड स्थित गौड़िया मठ में ठंड के दस्तक देते ही सभी भगवान को ऊनी वस्त्र पहनाया गया है. मठ में लगे राधा-कृष्ण, जगणनाथ और सुभद्रा की प्रतिमा पर ऊनी वस्त्र और सिर पर ऊनी टोपी पहनाई गई है. श्रद्धा, आस्था और भक्ति के साथ हर साल भक्त भगवान को ठंड में ऊनी वस्त्र चढ़ाते हैं.
इस संबंध के मठ के पुजारी का कहना है कि ऐसी परम्परा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है. यहां गर्मी के दिनों में एसी चलाया जाता है और ठंड के दिनों में शाम होते ही भगवान को कम्बल और स्वेटर पहनाया जाता है. उन्होंने बताया कि गौड़िया मठ में माघ शीर्ष शुक्ल पक्ष षष्टी से भगवान का गर्म पानी से अभिषेक किया जाता है और गर्म दूध का भोग चढ़ाया जाता है.
मठ के मुख्य पुजारी उत्तम श्लोक दास जी महाराज ने बताया कि इन ऊनी वस्त्रों को विशेष रूप से कोलकाता से मंगाया जाता है और इन वस्त्रों का निर्माण भी गौड़िया सम्प्रदाय के लोग ही करते हैं. उन्होंने बताया कि जिस प्रकार मानव को गर्मी में गर्म और ठंडा के दिनों में ठंड लगती है, उसी प्रकार भगवान को भी ठंड और गर्मी का एहसास होता है, इसलिए ठंड के दिनों में दिन में भगवान सिर्फ टोपी पहनते हैं और सूर्य ढलते ही उन्हें कम्बल ओढ़ाया जाता है. वहीं, गौड़िया मठ के दीवारों पर लगी विभिन्न सन्तों के फोटो को भी कपड़े से ढक दिया जाता है.