पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराबबंदी कानून का बिहार में जमकर दुरुपयोग हो रहा है. बता दें कि उत्पाद विभाग की टीम ने राजेश पांडेय को दो दिनों तक अपनी कस्टडी में रखा और दो दिनों तक जमकर पिटाई की और फुलवारी शरीफ जेल भेज दिया. लेकिन वहां राजेश की हालत गंभीर हो गई, जिसे इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई.


मृतक कैदी गायघाट के खड़ा कुआं इलाके में रहने वाला राजेश पांडेय बस में खलासी है. बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किए जाने वाले दिन सुबह में वो बस स्टैंड से अपने घर जा रहा था. गायघाट में गोलंबर के पास से उसे उत्पाद विभाग की टीम ने शराब पीने के मामले में गिरफ्तार कर लिया था.


परिजनों का आरोप है कि जिला उत्पाद विभाग की टीम ने कलेक्ट्रेट स्थित सेल में मृतक को दो दिनों तक बंद करके रखा. वहीं, उसकी खूब पिटाई की. जानकारी मिलने पर 25 नवंबर को परिजन भाई से मिलने पहुंचे थे. लेकिन उससे मिलने नहीं दिया गया. दो दिनों की पिटाई के बाद उसे फुलवारी शरीफ जेल भेज दिया गया था.


परिजनों का कहना है कि इस बात की भी जानकारी परिवार के किसी सदस्य को नहीं दी गई. 28 नवंबर की शाम किसी तरह से परिवार के लोगों को भाई के पीएमसीएच में होने की जानकारी मिली. तब उनकी पत्नी और परिवार के दूसरे सदस्य अस्पताल पहुंचे, लेकिन आज इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.