Bihar Investors Meet: टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी के लोकार्पण पर इन्वेस्टर्स से बोले CM- पूरी मदद करेगी बिहार सरकार
इन्वेस्टर्स मीट में सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जमीन से लेकर सुरक्षा और पैसे से भी मदद की जाएगी. बिहार में उद्योग लगाइए. इसपर इन्वेस्टर्स ने उद्योग लगाने का आश्वासन दिया है.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) ने बुधवार को इन्वेस्टर्स मीट (Investors Meet) सह बिहार टेक्सटाइल एवं लेदर पॉलिसी 2022 (Bihar Textile and Leather Policy 2022) का लोकार्पण किया. इस दौरान डिप्टी सीएम तारकेश्वर प्रसाद, डिप्टी सीएम रेणु देवी, बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी मौजूद थे. टेकस्टाइल व लेदर पॉलिसी में पूंजीगत अनुदान, रोजगार अनुदान, विद्युत अनुदान, फ्रेट अनुदान, पेटेंट अनुदान, कौशल विकास अनुदान, समेत कई तरह के प्रोत्साहन का प्रावधान है. ऋण पर ब्याज अनुदान, एसजीएसटी का रिइम्बर्समेंट, स्टैम्प शुल्क में छूट, निबंधन, भूमि सपंरिवर्तन पर छूट जैसे प्रावधान हैं.
सीएम नीतीश ने शाहनवाज की तारीफ करते हुए कहा कि हम लोग पहले कई जगह जाते थे निवेशकों को लाने, लेकिन वह आते नहीं थे. बतौर उद्योग मंत्री शाहनवाज काफी मेहनत कर रहे हैं. इन्वेस्टर्स आ भी रहे हैं. नीतीश ने इनवेस्टर्स से कहा कि जितनी बिहार सरकार आपकी मदद करेगी उतना कोई नहीं करेगा. जमीन से लेकर सुरक्षा और पैसे से भी हमलोग मदद करेंगे. बिहार में उद्योग लगाइए ताकि बिहारवासियों को नौकरी के लिए बाहर न जाना पड़े. हम चाहते हैं हमारा राज्य तेजी से तरक्की करे. इस पॉलिसी के माध्यम से राज्य सरकार का प्रयास है कि बिहार को निवेशकों के लिए वस्त्र एवं चर्म उद्योग में बेहतर अवसरों के केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके.
निर्यात पर 30 फीसदी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलेगा
नीतीश कुमार ने कहा कि इस पॉलिसी के मुख्य उद्देश्य बिहार को इस क्षेत्र के घरेलू और वैश्विक निवेशकों के लिए निवेश के प्रमुख संभावित केंद्र के रूप में विकसित करना, कपड़ा और चमड़ा व्यवसाय शुरू करने वाले उद्यमियों के लिए कई प्रकार के प्रोत्साहन देना है. टेकस्टाइल व लेदर पॉलिसी पर नीतीश ने कहा कि पूंजी निवेश अनुदान लागत का 15 फीसदी दिया जाएगा. अधिकतम 10 करोड़ रुपया दिया जाएगा. प्रतिवर्ष 2.50 लाख से 80 लाख तक की मदद एक-एक यूनिट को मिल सकती है. कार्यरत कर्मियों के लिये 5 हजार रुपया प्रतिमाह प्रतिकर्मी अनुदान 5 वर्षों के लिए दिया जाएगा. कोई चीज बाहर जाएगा (निर्यात होगा) तो 30 फीसदी ट्रांसपोर्ट सब्सिडी मिलेगा.
टेक्सटाइल और लेदर उद्योग का हब बनेगा बिहार
शाहनवाज ने कहा कि बिहार टेक्सटाइल और लेदर उद्योग का हब बनेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बंद चीनी मिल्स व अन्य 2800 एकड़ जमीन उद्योग विभाग को दी हैं. हम लोगों के पास पर्याप्त जमीन है. बिहार आने वाले टेक्सटाइल कंपनियों को प्लग एंड प्ले सुविधाओं के साथ जमीन उपलब्ध करायी जाएगी ताकि उद्योगों की स्थापना तेजी से हो. कई सारी टेकस्टाइल और लेदर कंपनियां हमारे संपर्क में हैं. बिहार में निवेश करेंगी. कई राज्यों में टेक्सटाइल कम्पनियों में ज्यादातर कामगार बिहार के हैं. बिहार में उद्योग लगेगा तो लोग यहीं आकर काम करेंगे. बिहार में टेक्सटाइल और लेदर उद्योग की सफलता की गारंटी सबसे ज्यादा है. जो कंपनियां बिहार में निवेश करेंगी उनको देश की पूर्वोत्तर राज्यों की आबादी का भी बड़ा बाजार मिलेगा इसलिए बिहार में उत्पाद बेचने वाली कंपनियों से हम कहना चाहते हैं कि बेचिये ही नहीं, बिहार में बनाइए भी.
जल्द ही बिहार में कारखाना लगाएगी टीटी कंपनी
आज के कार्यक्रम में रुपा, टीटी, आईटीसी समेत कई कंपनी के इनवेस्टर्स मौजूद थे. रुपा कंपनी के प्रेसिडेंट विकास अग्रवाल ने कहा कि बिहार सरकार की टेक्सटाइल और लेदर पॉलिसी हमें अच्छी लगी. मैं आश्वासन देता हूं जल्द ही हमारी कंपनी यहां प्रोडक्शन कर सकती है. टीटी कंपनी के MD संजय कुमार ने कहा कि हमारे त्रिपुरा वाले कारखाने में 90 प्रतिशत कर्मचारी बिहारी हैं. मैं जल्द बिहार में कारखाना लगाऊंगा. ताकि यहां के लोगों को दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए न जाना पड़े.
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