पटना: बिहार की राजनीति में इस वक्त की सबसे बड़ी खबर कि क्या सुशील मोदी के उपमुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर लग गया विराम,सुशील मोदी के नये ट्वीट से सियासी हलचल तेज हो गई है. दरअसल आज सुबह से बिहार की राजनीति की धुरी उप मुख्यमंत्री के नाम के इर्द गिर्द घूमती रही. लगातार यह कयास लगाए जाते रहे कि क्या सुशील कुमार मोदी फिर से उप मुख्यमंत्री होंगे इन सबके बीच एनडीए की बैठक से अचानक सुशील कुमार मोदी बीजेपी के पर्यवेक्षक बंन कर आए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ निकलकर स्टेट गेस्ट हाउस चले गए और इसी बीच नीतीश कुमार अन्य घटक दलों के साथ मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश करने राज्यपाल के समक्ष राजभवन चले गए फिर कुछ अंतराल पर स्टेट गेस्ट हाउस में आपसी मंत्रणा के बाद राजनाथ सिंह के साथ सुशील कुमार मोदी राज भवन पहुंचे. राजभवन से निकलते समय सुशील कुमार मोदी ने चुप्पी साध ली हालांकि उपमुख्यमंत्री के नाम पर ना तो राजनाथ सिंह ने पत्ते खोलें और ना ही नीतीश कुमार कुछ बोले. लेकिन सारे कयासों पर विराम लगा दिया सुशील कुमार मोदी के ट्वीट ने.और सवाल ये उठ खड़ा हुआ कि आखिर ऐसी कौन सी बात थी जिससे सुशील मोदी को ऐसी इमोशनल ट्वीच करनी पड़ी.


सुशील कुमार मोडी ने ट्वीट कर लिखी ये बातें

सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर विधायक दल के नेता चुने जाने पर कार किशोर प्रसाद को बधाई देते हुए लिखा.

पहली ट्वीट
तार किशोर जी को भाजपा विधानमंडल दल का नेता सर्वसम्मति से चुने जाने पर कोटिस बधाई.

दूसरी ट्वीट

भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे 40 वर्षों की राजनीतिक जीवन में इतना दिया कि शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा आगे की जो भी जिम्मेदारी मिलेगी उसका निर्वहन करुंगा कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता.
अब आखिर ऐसा क्या छिन गया कि सुशील मोदी को अपनी वेदना इस ट्वीट के जरीए जाहिर करनी पड़ी और कार्यकर्ता पद पर अपनी दावेदारी जतानी पड़ी.ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि जिन बातों पर सुबह से कयास लग रहे थे वो साफ हो गई है कि बिहार इस बार उपमुख्यमंत्री के तौर पर देखेगा नया चेहरा.