पटना: बिहार की राजनीति (Bihar Politics) से बड़ी खबर है कि आरजेडी (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) ने इस्तीफे की पेशकश की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जगदानंद ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की पेशकश की है. बीते रविवार को ही दिल्ली में आरजेडी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी जिसमें वो नहीं पहुंचे थे. लगातार नाराजगी की बात कही जा रही थी. आज दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आरजेडी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक भी है.
इधर, इस्तीफे की इस खबर को लेकर सबसे बड़ा सवाल है कि क्या लालू यादव इसे स्वीकार कर लेंगे या फिर मनाएंगे? आरजेडी में घमासान मच गया है. इधर, बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि लालू यादव को सबसे ज्यादा अपने बेटे तेजस्वी यादव पर भरोसा है. आरजेडी परिवारवादी पार्टी है. जगदानंद सिंह हों या फिर कार्तिक सिंह दोनों को साजिश के तहत हटाया गया है. आरजेडी अब एमवाई की पार्टी हो गई है. नगर निकाय में आरक्षण को हटाकर अति पिछड़ा को भी धोखा दिया है.
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जगदानंद सिंह की नाराजगी की चर्चा क्यों?
बता दें कि ऐसी चर्चा चल रही है कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पार्टी से नाराज चल रहे हैं. जिस दिन जगदानंद सिंह के बेटे और पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने अपने पद से इस्तीफा पत्र तेजस्वी यादव को सौंपा था उसी दिन जगदानंद ने भरे मन से कहा था कि जो किसानों के हित में काम करता है, किसानों के लिए सोचता है उसको कीमत चुकानी पड़ती है. उसे त्याग भी करना पड़ता है. इसके बाद से जगदानंद सिंह कार्यालय भी नहीं आ रहे हैं.
सुशील मोदी ने भी इस्तीफा देने के लिए कहा था
सुशील कुमार मोदी ने भी हाल ही में ट्विटर पर बयान जारी कर कहा था कि जगदानंद सिंह में अगर थोड़ा भी स्वाभिमान बचा हो तो उन्हें तुरंत राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. जिस तरह से एक स्वाभिमानी व्यक्ति को अपमानित किया गया. बिना उनकी सहमति के उनके बेटे को बर्खास्त कर दिया गया. उनका इस्तीफा ले लिया गया. जगदानंद सिंह को खुद विचार करना चाहिए कि उन्हें क्या इस पद पर बने रहना चाहिए या नहीं बने रहना चाहिए.
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