बिहार : कोरोना को लेकर जहानाबाद जिलाधिकारी ने चलाया डंडा,बसों में 50 फीसदी सवारी ही बिठाने का दिया निर्देश
बसों के संचालन में लापरवाही हुई तो इसका भारी खामियाजा बस मालिकों को उठाना पड़ सकता है.
जहानाबाद: सूबे में कोरोना के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन हुई सख्त.शहर में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रही पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर प्रशासन ने चलाया डंडा. गुरुवार को गृह सचिव द्वारा जारी नए गाइडलाइन के बाद जहानाबाद के जिलाधिकारी नवीन कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि जहानाबाद से पटना के लिए चलने वाले सार्वजनिक यात्री वाहनों में यात्रियों की संख्या सीटों की निर्धारित संख्या के 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी. लेकिन निर्देश के अगले दिन ही जिले में नियम टूटते नज़र आये,शुक्रवार को जिले से राजधानी जाने वाली कई बसों में बैठे यात्री बिना मास्क और सोशल डिस्टेंस के बैठे नजर आएं. इतना ही नही, कई बसों पर सीट से अधिक यात्री भी सवार दिखें, जबकि नए निर्देश के अनुसार सीट से आधा सवारी को ही बसों में बिठाने की इजाजत है. हद तो तब हो गयी, जब पटना जाने वाली कई बसों के छत पर भी लोग सवार दिखें. बताते चलें कि स्थानीय बस स्टैंड से लगभग दर्जनभर बसें प्रतिदिन पटना के लिए जाती हैं. कई बसें गया से जहानाबाद होते हुए पटना के लिए जाती हैं.
नियम के उलंग्घन पर उठाना पड़ सकता भारी खामियाजा
लॉकडाउन के बाद बसों का संचालन सोशल डिस्टेंस और मास्क के साथ सैनिटाइजेशन की शर्त पर किया गया था, लेकिन जिले की सड़कों पर हर दिन नियम टूटता नजर आ रहा था. सरकारी गाइडलाइंस का जिला परिवहन विभाग पालन नहीं करा पाया और अब जबकि राज्य में कोरोना का खतरा फिर से बढ़ा है तो सरकार का ध्यान दुबारा पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर गया है इसबार भी अगर बसों के संचालन में लापरवाही हुई तो इसका भारी खामियाजा बस मालिकों को उठाना पड़ सकता है.
कोरोना को ख़त्म मानकर हुई मनमानी
कोरोना संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं था, इसी खतरे को लेकर लॉकडाउन किया गया था और बसों का संचालन बंद कर दिया गया था. लेकिन बसों का संचालन शुरू होते ही लोगों ने कोरोना को ख़त्म मान लिया. चुनाव और पर्व त्यौहारों के मद्देनजर बसों में सीटों से अधिक यात्रियों को ढोया गया. इस क्रम में लोगों ने जमकर मनमानी भी की जिसका परिणाम एक बार फिर कोरोना के बढ़ते कहर के रुप में देखने को मिल रहा है.